स्वर्णिम विजय वर्ष: वर्ष 1971 में भारत के सामने पाकिस्तान के सैनिक भारतीय सैनिकों के सामने घुटने टेक दिए थे। इसी जीत पर भारत हर साल स्वर्णिम विजय दिवस मनाते हैं। पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजा देने वाले भारतीय सैनिक जीत की 50वीं वर्षगांठ पर एक बार फिर जुट रहे हैं।
इस दिवस की 50वीं वर्षगाठ पर भारत सरकार की तरफ से विशेष आयोजन किया जा रहा है। इसमें रेलवे भी बढ़-चढ़कर भूमिका निभा रहा है। शुक्रवार को सब एक ही ट्रेन में सवार होकर अपनी विजय गाथा की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी को एक-दूसरे के साथ साझा करेंगे। रेलवे बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष की 50वीं वर्षगांठ पर दिल्ली-आगरा के बीच एक स्पेशल ट्रेन चला रहा है। इसमें सिर्फ युद्ध में शामिल सैनिक यात्रा करेंगे।
इस दिवस को खास बनाने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से विशेष ट्रेन, जिसका नाम स्वर्णिम विजय वर्ष स्पेशल ट्रेन दौड़ पड़ी। वह आगरा तक रवाना होगी।इस ट्रेन की खासियत यह होगी कि इसमें सिर्फ वहीं सैनिक शामिल होंगे तो 1971 के युद्ध में शामिल हुए थे। सैनिकों को लेकर यह ट्रेन आगरा तक जाएगी। एक छत नीचे जुटे सैनिक उस मंजर को याद कर अपनी दास्तां एक-दूसरे को सुना सकेंगे।
इस ट्रेन की कमान भी सेना भवन संभाल रहा है, जो हर कोच को विजय दिवस के याद में सजाया जा रहा है। उस दौरान की जीती-जागती तस्वीर से भी ट्रेन को लैस किया जाएगा और ट्रेन में जीत की विशेष धुन भी बजाई जाएगी, ताकि सैनिकों को विजय दिवस पर एक बार गर्व हो सके। शुक्रवार पूर्वाह्न 11:30 बजे सफदरजंग रेलवे स्टेशन से सेना के वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी मे हरी झंडी दिखाकर जयघोष के साथ रवाना किया जाएगा।