सन्दीप मिश्रा
रायबरेली
रायबरेली: रायबरेलीभारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को होती है, उन्हीं की याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर कांग्रेस कमेटी के प्रचार एवम प्रकाशन विभाग के जिला अध्यक्ष जय नारायण मिश्र ने जनपद के तमाम शिक्षकों को सम्मानित करते हुए कहा कि शिक्षक दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है।
लेकिन उनके लिए अलग-अलग दिन निर्धारित हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस का उद्येश्य दुनिया भर के शिक्षकों की सराहना करना, मूल्यांकन और सुधार पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना है। विश्व में शिक्षकों की जिम्मेदारी, उनके अधिकार और आगे की पढ़ाई के लिए उनकी तैयारी को महत्व दिया जाता है। श्री मिश्र ने कहा कि अब कोई मत पूछे कि शिक्षक कौन है? इसका सही जवाब आपका मौन है।क्योकि शिक्षक न पद है, न पेशा है,न व्यवसाय है ना ही गृहस्थी चलाने वाली कोई आय हैं।उन्होंने कहा कि शिक्षक सभी धर्मों से ऊंचा धर्म है ।
इसलिये गीता में भी उपदेशित है। मा फलेषु “वाला कर्म है। उन्होंने कहा कि शिक्षक एक प्रवाह है ।मंज़िल नहीं राह है । शिक्षक पवित्र है। महक फैलाने वाला इत्र है। शिक्षक स्वयं जिज्ञासा है खुद कुआं है पर प्यासा है
वह डालता है चांद सितारों ,
तक को तुम्हारी झोली में।
वह बोलता है बिल्कुल,
तुम्हारी बोली में, वह कभी मित्र,
कभी मां तो , कभी पिता का हाथ बनकर साथ ना रहते हुए भी साथ रहने का एहसास कराता है।
एक शिक्षक की बाते ताउम्र का साथ रहती है। जिलाध्यक्ष श्री मिश्र ने कहा कि शिक्षक अपने छात्रो के लिये कभी नायक ,खलनायक तो कभी विदूषक बन जाता है। उन्होंने कहा कि एक शिष्य का जीवन सुधारने में शिक्षक न जाने, कितने मुखौटे लगाता है। इतने मुखौटों के बाद भी,वह समभाव है ।क्योंकि यही तो उसका सहज स्वभाव है। उन्होंने कहा कि शिक्षक कबीर के गोविंद सा,बहुत ऊंचा है। भला कौन,उस तक पहुंच सकता है। जिलाध्यक्ष ने कहा की शिक्षक का सम्मान सर्वोपरि हैं। शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता।
शिक्षक जब तक जीवित रहता हैं, तब तक वह बच्चों के भविष्य का निर्माण करने में लगा रहता हैं। क्योंकि शिक्षक बच्चों के भविष्य का निर्माता होता हैं।इस अवसर पर देवेंद्र शर्मा विनय वर्मा अमित गुप्ता दुर्गेश तिवारी सुषमा सिंह रणधीर सिंह लखबीर सिंह अभय गुप्ता अजय तिवारी मौजूद रहे।
