उपलब्धि: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ और हरित भारत की दिशा में एक और अफलता मिली, जहाँ तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा और संरक्षण के लिए भारत की प्रतिबद्धता को विश्व स्तर पर मान्यता मिल रही है। इसी सिलसिले में इस वर्ष तमिलनाडु के कोवलम और पुडुचेरी के ईडन समुद्र तट को ‘ब्लू फ्लैग’ प्रमाणन दिया गया है। इसकी जानकारी एक पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने साझा की।
उन्होंने कहा- यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि भारत में अब 10 ब्लू फ्लैग बीच हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ और हरित भारत की दिशा में भारत की यात्रा में एक और मील का पत्थर है। अब तक भारत में आठ समुद्र तटों को यह प्रमाणन मिला है। इनमें शिवराजपुर-गुजरात, घोघला-दीव, कासरकोड और पदुबिद्री-कर्नाटक, कप्पड-केरल रुशिकोंडा- आंध्र प्रदेश, गोल्डन-ओडिशा और राधानगर- अंडमान और निकोबार शामिल हैं।
एफईई देता है यह पहचान
डेनमार्क का फाउंडेशन फॉर एनवायर्नमेंट एजुकेशन (एफईई) विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त ईको लेबल ब्लू फ्लैग का प्रमाणन प्रदान करता है। ब्लू फ्लैग प्रमाण 33 मानदंड़ों के अनुपालन और नियमित निगरानी के आधार पर मिलता है।
समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग दिलाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने बीते तीन वर्ष में 85 फीसदी गंदगी व 78 फीसदी प्लास्टिक कचरा हटाया है। 750 टन समुद्री कचरे का वैज्ञानिक तरीकों से निस्तारण किया गया है।
जाने ब्लू फ्लैग का मतलब
ब्लू फ्लैग एफईई के स्वामित्व वाला एक ट्रेडमार्क है, जो एक गैर-लाभकारी गैर-सरकारी संगठन है इससे 60 देशों के 65 संगठन जुड़े हैं। समुद्र तटों को मिलने वाला ब्लू फ्लैग इस बात का संकेत होता है कि इससे प्रमाणित बीच पर पर्यटन व पयार्वरण के लिहाज उच्चतम मानदंडों का पालन करते हुए पारिस्थितिकी की गुणवत्ता व पर्यटकों की सुरक्षा की जा रही है।
