तीसरी लहर का खतरा: देशभर में कोरोना को काबू करने के लिए टीकाकरण अभियान जारी है, इसी बीच बायोटेक्नोलॉजी विभाग के वैज्ञानिकों की आशंका को देखते हुए भारत में डेल्टा-4 नामक कोरोना वैरिएंट से तीसरी लहर का खतरा बढ़ गया है। दरअसल डेल्टा-4 वैरिएंट तेजी से बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों की टीम ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है। उन्होंने केंद्र सरकार को 13 सितंबर को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसके मुताबिक दूसरी लहर के बाद से देश में डेल्टा वैरिएंट में लगातार म्यूटेशन हो रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, यूरोप सहित कई देशों में म्यूटेशन हो रहा है। इसकी वजह से वायरस में और अधिक बदलाव होने की आशंका जताई जा रही है। भारत में ही अब तक 25 बार डेल्टा वैरिएंट में म्यूटेशन हुआ है और उसके अलग-अलग मरीजों में पहचान हुई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अब तक 90,115 सैंपल का जीनोम अनुक्रम पूरा हुआ है, जिनमें 62.9 फीसदी सैंपल में वायरस के गंभीर वैरिएंट मिले हैं। इनमें डेल्टा, अल्फा, गामा, बीटा, कप्पा इत्यादि वैरिएंट हैं, जो न सिर्फ दोबारा संक्रमण होने की आशंका को बढ़ा देते हैं, बल्कि वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमित कर सकते हैं। जिस कारण देश में महामारी की नई चिंताजनक स्थिति सामने आ सकती है। वर्तमान में डेल्टा-4 (एवाई.4) अधिकांश सैंपल में मिल रहा है।
सभी म्यूटेशन को डेल्टा-1 से लेकर डेल्टा-25 तक गणितीय पहचान दी गई है। इन 25 में से डेल्टा-4 नामक म्यूटेशन काफी तेज लग रहा है। महाराष्ट्र और केरल में अभी यही म्यूटेशन फैल रहा है। आशंका है कि कोरोना की आगामी लहर में डेल्टा में हो रहे इन म्यूटेशन की बड़ी और गंभीर भूमिका हो सकती है।
