विकास दुबे मुठभेड़ मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच आयोग ने पुलिस को क्लीन चिट दे दी है। बता दें कि आयोग ने कहा है कि विकास दुबे की मौत का जो घटनाक्रम पुलिस ने बताया है उसके पक्ष में साक्ष्य मौजूद हैं. आयोग ने कहा कि कानपुर देहात में आठ पुलिसकर्मियों की घात लगाकर की गई हत्या पुलिस की “खराब योजना” का परिणाम थी, क्योंकि उन्होंने स्थिति का सही आकलन नहीं किया था.
गौरतलब है कि कानपुर की खुफिया इकाई को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी और वह पूरी तरह से नाकाम रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि “मामले में एकत्रित सबूत घटना के बारे में पुलिस के पक्ष का समर्थन करते हैं. पुलिसकर्मियों को लगी चोटें जानबूझकर नहीं लगाई जा सकती . डॉक्टरों के पैनल में शामिल डॉ आरएस मिश्रा ने पोस्टमार्टम किया और स्पष्ट किया कि उस व्यक्ति के शरीर पर पाई गई चोटें पुलिस पक्ष के बयान के अनुसार हो सकती हैं. ”
