पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में इसी महीने होने वाले उपचुनाव काफी अहम माने जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के भवानीपुर में 30 सितंबर को मतदान होगा और परिणाम तीन अक्टूबर को घोषित किया जाएगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इस सीट से वकील श्रीजीब विश्वास को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस उपचुनाव में हिस्सा नहीं ले रही है। भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने एक दिन पहले ही भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था, जबकि ममता बनर्जी ने 10 सितंबर को नामांकन भरा था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भवानीपुर से लड़ने के एलान के बाद यह चुनाव और ज्यादा दिलचस्प हो गए हैं। बंगाल का सीएम बने रहने के लिए ममता का अपनी पारंपरिक भावनीपुर सीट से जीतना जरूरी है, वर्ना वे विधायक न बन पाने के चलते मुख्यमंत्री नहीं रह पाएंगी। इस बीच भाजपा ने ममता को सीएम पद से हटाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। उनके खिलाफ प्रियंका टिबरेवाल को उतारने के बाद अब भाजपा के एक एजेंट ने चुनाव आयोग से ममता का नामांकन रद्द करने की मांग की है।
भवानीपुर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के चुनावी एजेंट ने यहां के रिटर्निंग अफसर को चिट्ठी लिख कर ममता बनर्जी के नामांकन पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि ममता ने जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें उन्होंने अपने ऊपर चल रहे पांच आपराधिक मामलों का जिक्र नहीं किया। भाजपा एजेंट सजल घोष ने अपनी चिट्ठी में उन मामलों का भी जिक्र किया और बताया कि उन पर कहां-कहां केस दर्ज हैं।
चिट्ठी में जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक ममता पर असम के पांच अलग-अलग थानों में केस दर्ज हुए थे। इनमें कुछ केस अप्रैल-मई में चुनाव से पहले भी दर्ज कराए गए। आरोप है कि इन्हीं केसों का जिक्र अपने एफिडेविट में नहीं किया। हालांकि, इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि अगर ममता बनर्जी का वास्तव में इन आरोप पत्रों में नाम है तो उन्हें एफिडेविट में सिर्फ मामलों का खुलासा करने की आवश्यकता थी।