चीन-ताइवान: चीन-ताइवान तनाव चरम पर है। चीन से महज 100 किलोमीटर की दूरी पर है ताइवान। इस बीच चीन की धमकी के बावजूद अमेरिका ने ताइवान में अधिक निवेश व गहरे व्यापारिक संबंधों के लिए औपचारिक व्यापार वार्ता शुरू करने का एलान किया है। उसका प्रयास ड्रैगन की आर्थिक घेराबंदी का है।
अमेरिका के व्यापार विभाग की उपप्रतिनिधि सारा बियांची ने बताया कि अमेरिकन इंस्टीट्यूट इन ताइवान (एआईटी ) व ताइपे इकोनॉमिक एंड कल्चरल रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस (टीईसीआरओ) के तहत व्यापार पर औपचारिक वार्ता शुरू कर दी गई है। इसके नतीजे के तौर पर ताइवान और अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश के संबंध को गहरा किया जाएगा।
दोनों पक्षों के बीच आपसी व्यापार प्राथमिकताओं को साझा मूल्यों के आधार पर बढ़ाया जाएगा। इससे श्रमिक और व्यवसायियों के लिए नवाचार व समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। दोनों पक्षों ने व्यापार सुविधा, अच्छी नियामक प्रथाओं, मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी मानकों, लघु और मध्यम उद्यमों के बीच व्यापार बढ़ाने, कृषि व्यापार को बढ़ावा देने, व्यापार के लिए भेदभावपूर्ण बाधाओं को दूर करने जैसे 11 विषयों पर बातचीत के लिए एजेंडा निर्धारित किया है।
अमेरिका और ताइवान के बीच व्यापार वार्ता को लेकर चीन ने विरोध जताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि ताइवान के साथ किसी भी देश के औपचारिक व्यापार सौदे व समझौते का चीन विरोध करता है। अमेरिका को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, जो दोनों देशों के बीच संबंधों की बुनियाद एक चीन नीति के खिलाफ हो। चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।
