सरकार भानु प्रताप तिवारी

महराजगंज – सत्ता की हनक के आगे सब कुछ कमजोर ही दिखाई देता है। कुछ ऐसा ही हाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के गृह जनपद गोरखपुर से सटे महराजगंज जिले का है जहां पर स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर खुलेआम गरीब और मरीज से धन वसूली के साथ-साथ जान माल का भी खेल खेला जा रहा है ।

मामला MH हॉस्पिटल का है जिस के संचालक की डिग्री भी संदिग्ध ही है आपको ये भी बताते चले कि MH हॉस्पिटल के स्टिंग ऑपरेशन में ये भी पता चला कि जिस हॉस्पिटल की बात हम कर रहे हैं उस हॉस्पिटल में बवासीर, बच्चे दानी का ऑपरेशन व पेट, गुर्दा, मधुमेह और ऑपरेशन से डिलेवरी करने की पूरी व्यवस्था की जाती है अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है जब इतने इलाज़ हो रहे है तो क्या इन बीमारियों के सुव्यवस्थित डॉक्टर भी उपलब्ध है क्या .?क्योंकि जिस तरह जानकार बताते हैं कि जो अपने आपको नेत्र सर्जन बताते है और उनके आसपास में सभी प्रकार के इलाज किये जाते है जब इस बात की पुष्टि के लिए MH हॉस्पिटल के संचालक डॉ आफताब से बात चीत की गई तो उनके द्वारा ये कहना था हमारे वहां सभी प्रकार के इलाज किये जाते है और सबसे आश्चर्य की बात ये है कि उनके हॉस्पिटल की रजिस्ट्रेशन जिस MBBS डॉक्टर के नाम पर दर्ज है वो डॉक्टर साहब रहने वाले देवरिया जिले के है कभी कभी अस्पताल में आते है जबकि स्वास्थ्य महकमे को ये ज्ञात है कि अस्पताल जिसके नाम पर रजिस्टर्ड होता है उस डॉक्टर को परमानेंट अस्पताल पर मौजूद होना चाहिए। साक्ष्य मौजूद
जबकि ऐसा नहीं है MH हॉस्पिटल के अंदर आपको ये भी बताते चले कि MH हॉस्पिटल के अंदर एक मेडिकल स्टोर भी संचालित होती है जिसकी न ही कोई जिम्मेदार पद वाला कर्मचारि बैठा है न ही कोई फार्मासिस्ट एरा न्यूज़ इंडिया के टीम के स्टिंग ऑपरेशन में ये खुलेआम दिख रहा है कि एक लड़का जिसकी उम्र महज 15 साल है एक मरीज को इंजेक्शन लगाते हुए उसका इलाज कर रहा है अगर ऐसे ही स्वास्थ्य विभाग में मरीजों के जान माल के साथ खिलवाड़ किया जाएगा तो कैसे स्वास्थ्य विभाग पर जनता विश्वास करेगी।
इसकी शिकायत भी महाराजगंज जिले के स्वास्थ्य विभाग के जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को की गई तो CMO साहब ने भी कहा जांच करके कार्यवाही की जाएगी । परंतु MH हॉस्पिटल के पर्चे पर और उन में लिखी भारी भारी डिग्रियों के आगे शायद स्वास्थ्य महकमा भी असहाय हो जाता है । नहीं तो क्या कारण है कि एक तरफ मुख्यमंत्री बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की बात कहते हैं तो दूसरी और उन्हीं के गृह जनपद से चंद किलोमीटर दूर एक आलीशान तथाकथित अस्पताल मरीजों की जान लेने में जुटा हुआ है।
क्या कभी स्वास्थ्य विभाग इस पर अपनी निगाह तिरछी करेगा या गरीब मरीजों को इसी तरह अपना आर्थिक और शारीरिक शोषण झेलना पड़ेगा । क्योंकि सरकार उनकी है जिनके पास ताकत है और लगातार शिकायतों के बाद भी जब कार्यवाही नहीं होती है तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ताकत किसके पास है।

जानकारी के अनुसार
महाराजगंज के सिंदूरिया में चल रहे MH अस्पताल और उसकी स्वास्थ्य सेवाओं में मची लूट मची है। MH अस्पताल के संचालक अपने आप को नेत्र सर्जन बताते हुए अस्पताल का संचालन कर रहे हैं । उनके अनुसार उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन करा रखा है । इस संबंध में जब महाराजगंज जिले नोडल स्वास्थ चिकित्सा अधिकारी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है लेकिन उन्होंने भी कहीं ना कहीं अस्पताल और अस्पताल के संचालन का बचाव करते हुए कहा कि हो सकता है कि अस्पताल किसी अन्य डॉक्टर के नाम पर पंजीकृत हो । क्योंकि अस्पताल के पंजीकरण में एमबीबीएस डॉक्टर का होना अनिवार्य है। वही इस संबंध में आखिरकार क्या कारण है कि महाराजगंज जनपद के MH अस्पताल पर स्वास्थ्य महकमा इतना मेहरबान बना बैठा हुआ है।
इससे साफ पता चलता है कि महाराजगंज जिले के स्वास्थ्य विभाग को MH अस्पताल के फर्जीवाड़े की पूर्ण जानकारी थी परंतु रुपयों की खनक के आगे उसने अभी तक अपनी आंखें मूंद रखी है। लेकिन अपने दर्शकों को बताते चलें कि चैनल इसकी परत दर परत अपने दर्शकों के सामने रखने का प्रयास कर रहा है। जिससे उन्हें भी पता चल सके कि जमीन पर सभी डॉ भगवान नहीं है बल्कि कुछ ऐसे भी शैतान हैं जो डॉक्टर का चोला ओढ़ हैं जिनसे लोगों को बचाने का प्रयास चैनल लगातार कर रहा है।

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