कोरोना टेबलेट: कुछ समय में कोरोना वैक्सीन की टेबलेट बाजार में आ सकती है। सेंट्रल ड्रग लैब (सीडीएल) कसौली में इसका दूसरे दौर का परीक्षण चल रहा है। कोरोना टैबलेट (गोली) पहले चरण के परीक्षण में खरी उतरी है। हालांकि इसमें अभी कई औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। इसके बाद लोगों को जल्द ही कोरोना वैक्सीन टेबलेट के रूप में भी मिल सकेगी।
सेंट्रल ड्रग्स लैब (सीडीएल) कसौली ने परीक्षण में टैबलेट की गुणवत्ता और क्षमता को जांचा। इसमें वीएक्सए-जीओवी 2 एंटरिक कोटेड टैबलेट ने पहले चरण को सफलतापूर्वक पार कर लिया है। अब इसके क्लीनिकल ट्रायल शुरू होंगे। इस टैबलेट को बंगलूरू की सिनजिन कंपनी ने अमेरिका से आयात किया है। कंपनी ने इस साल के अंत तक दवा को बाजार में उतारने का दावा किया है। पहला चरण पार करने के बाद दूसरा परीक्षण 10 अगस्त से शुरू होगा। इसके लिए कंपनी की ओर से प्रक्रिया पूरी की जा रही है। यही नहीं, कंपनी इसके ट्रायल बैच फिर सीडीएल कसौली में परीक्षण के लिए भेजेगी।
बताया जा रहा है यदि सभी ट्रायल सफल हुए तो यह टैबलेट खाते ही कोरोना रोगी पर असर दिखना शुरू हो जाएगा और वह कुछ दिनों में स्वस्थ हो जाएगा। इसके बाजार में आने के बाद कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने से भी छुटकारा मिलेगा और शरीर में एंटीबॉडी जल्द बनेंगी। सीडीएल कसौली में टैबलेट की गुणवत्ता और क्षमता को जांचा गया है। हालांकि, बाजार में उतारने से पहले कोरोना टैबलेट को परीक्षण के दो और चरणों से गुजरना होगा।
इसी के साथ वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल भी होंगे। इसकी रिपोर्ट कंपनी को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को देनी होगी। सीडीएल कसौली में टैबलेट का परीक्षण मई में शुरू हुआ था। अगर यह हर पैमाने पर खरी उतरती है तो यह देश की पहली कोरोना टैबलेट होगी। भारत में अब तक कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पुतनिक-वी, मोडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन, जायकॉव डी, कोर्बेवैक्स, कोवोवैक्स, स्पुतनिक लाइट समेत अन्य कोरोना वैक्सीन को डीसीजीआई मंजूरी दे चुकी है।
