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खतरनाक आंकड़े: देश में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित, महाराष्ट्र में सबसे अधिक कुपोषित बच्चे, दूसरे व तीसरे नंबर पर क्रमशः बिहार व गुजरात

खतरनाक आंकड़े: ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 101वें स्थान पर पहुंच गया है। इस मामले में वह अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे है। पिछले साल भारत वैश्विक भुखमरी सूचकांक में 94वें स्थान पर था।
भारत में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस समय 33 लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि 33 लाख मे से आधे से ज्यादा यानी कि 17.7 लाख बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं।

गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात में हैं। इस बात की जानकारी  मंत्रालय ने समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा एक आरटीआई के जवाब में कहा कि यह 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों का संकलन है। देश में कुल 33,23,322 बच्चे कुपोषित हैं।

पोषण ट्रैकर के हवाले से आरटीआई के जवाब के मुताबिक, महाराष्ट्र में कुपोषित बच्चों की संख्या सबसे अधिक 6.16 लाख दर्ज की गई, जिसमें 1,57,984 बच्चे अल्प कुपोषित और 4,58,788 बच्चे अत्यंत कुपोषित थे। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर बिहार है, जहां 4,75,824       लाख कुपोषित बच्चे हैं। वहीं, तीसरे नंबर पर गुजरात है, जहां कुपोषित बच्चों की कुल संख्या 3.20 लाख है।

अगर अन्य राज्यों की बात करें तो, आंध्र प्रदेश में 2,67,228 बच्चे कुपोषित हैं। कर्नाटक में 2,49,463 बच्चे  कुपोषित हैं। उत्तर प्रदेश में 1.86 लाख, तमिलनाडु में 1.78 लाख, असम में 1.76 लाख और तेलंगाना में 1,52,524 लाख बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में 1.17 लाख बच्चे कुपोषित हैं।

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