यूपी: महामारी से उत्पन्न लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद, उत्तर प्रदेश के लिए चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह के निर्यात के आंकड़े उत्साहित करने वाले हैं। अप्रैल से जुलाई के मध्य यहां से होने वाले निर्यात में रिकॉर्ड 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं पिछले पांच साल के निर्यात पर गौर करें तो इस अवधि में औसत बढ़ोतरी 15 प्रतिशत की रही है। ये आंकड़े हाल ही में केंद्र सरकार ने जारी किए हैं।

जानिए यूपी से कब और कितना निर्यात
वर्ष 2017-18 : 88,967.4 करोड़ रुपये
वर्ष 2018-19 : 1,14,042 करोड़ रुपये
वर्ष 2019-20 : 120356.3 करोड़ रुपये
वर्ष 2020-21 : 1,21,139 करोड़ रुपये
वर्ष 2021-22 : 1,56,897.2 करोड़ रुपये

अप्रैल से जुलाई के मध्य यूपी से दूसरे देशों को 60576.93 करोड़ रुपये के उत्पाद भेजे गए जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह राशि 45861.44 करोड़ रुपये थी। आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि में रेलवे लोकोमोटिव्स के निर्यात में 2039 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

मांस के निर्यात में 89 प्रतिशत, इलेक्ट्रिकल मशीनरी के निर्यात में 32 प्रतिशत, पर्ल्स के क्षेत्र में 56 प्रतिशत, स्टैपल फाइबर के क्षेत्र में 114 प्रतिशत और एंजाइम्स के निर्यात में 84 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। फैब्रिक का निर्यात 68 फीसदी और फल व अखरोट का निर्यात 89 फीसदी बढ़ा है।

इन क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि : इलेक्ट्रिकल मशीनरी, मिनरल फ्यूल, पर्ल्स, एसेंशियल ऑयल, निकेल, एनीमल या वेजिटेबल फैट, मिलिंग इंडस्ट्री, स्टैपल फाइबर्स, रेलवे लोकोमोटिव्स, एंजाइम्स, फल व अखरोट, फैब्रिक, जिंक, आर्म्स एंड एम्युनिशन, टिन, आर्ट वर्क।

इन क्षेत्रों में दर्ज हुई गिरावट : पल्प ऑफ वुड, फ्लोटिंग स्ट्रक्चर, कॉर्क, कोकोया, एक्सप्लोसिव्स, प्रोजेक्ट गुड्स, फिश, ट्री एंड अदर प्लांट्स, लाइव एनीमल्स, लेड, फर्टिलाइजर्स।