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प्रतिबंध : प्रतिबंध से पूर्व की मांग वाले गेहूं निर्यात पर छूट, कस्टम के सुपुर्द हो चुकी गेहूं की खेप को निर्यात की मंजूरी

प्रतिबंध : रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से पूरी दुनिया में गेहूं की कीमतों में जोरदार इजाफा हुआ है। भारत में भी घरेलू स्तर पर गेहूं की कीमत बढ़ी है। कई प्रमुख राज्यों में सरकारी खरीद की प्रक्रिया काफी सुस्त चल रही है और लक्ष्य से काफी कम गेहूं की खरीदारी हुई है। सरकार ने भारत में कीमतों पर नियंत्रण रखने और खाद्य सुरक्षा की स्थिति को बरकरार रखने के साथ-साथ गंभीर खाद्य संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश और कुछ अन्य देशों की मदद के लिए पहले गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी।

लेकिन अब नियम को शिथिल करते हुए ऐसे कनसाइनमेंट के निर्यात पर छूट देने की घोषणा की है, जो 13 मई या उससे पहले सीमा शुल्क विभाग के पास परीक्षण के लिए उनके सिस्टम में दर्ज हो चुके थे। सरकार ने यह छूट इसलिए भी दी है क्योंकि निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा से पूर्व ही गेहूं लदे हजारों ट्रक देश के कुछ बंदरगाहों पर कतार में खड़े हैं।वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि कस्टम के सुपुर्द हो चुकी गेहूं की खेप को निर्यात की अनुमति होगी।

वहीं, सरकार ने मिश्र जा रहे गेहूं के उस कनसाइनमेंट को भी अनुमति दे दी है, जिसका कांडला बंदरगाह पर लदान चल रहा है। मिश्र को गेहूं की खेप भेजने वाली कंपनी मीरा इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 61,500 मीट्रिक टन गेहूं के लदान का अनुरोध किया था, जिसमें से 44,340 मीट्रिक टन का लदान हो चुका है। सरकार ने पूरे कनसाइनमेंट को मिश्र भेजने की अनुमति दी है।

सरकार ने नियम में ढील देते हुए गेहूं की उस खेप को निर्यात से छूट देने की घोषणा की है, जो प्रतिबंध से पहले सीमा शुल्क विभाग में दर्ज हो चुकी थी। महंगाई को काबू करने के लिए सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 13 मई को अधिसूचना जारी कर तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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