ज्ञानवापी केस: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन और अन्य देव विग्रहों को संरक्षित करने के लिए राखी सिंह समेत पांच महिलाओं की तरफ से दाखिल वाद पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार 4 जुलाई से ज्ञानवापी प्रकरण में केस की पोषणीयता पर जिला जज की अदालत में सुनवाई शुरू होगी। बता दें कि ग्रीष्मावकाश के चलते ये सुनवाई अब 34 दिन बाद होने जा रही है। सुनवाई दोपहर बाद दो बजे शुरू होगी। ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से सोमवार को दलीलें दी जाएंगी।
इससे पहले भी मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने दलील दी थी कि विशेष धर्म उपासना स्थल विधेयक 1991 यहां लागू होगा, जिसमें आजादी के समय धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, वही रहेगी। जबकि हिंदू पक्ष की दलील है कि यहां विशेष धार्मिक उपासना स्थल काननू लागू नहीं होगा, क्योंकि यहां आजादी के बाद भी श्रृंगार गौरी की पूजा होती थी।
अंजुमन इंतजामिया के अधिवक्ता अभय नाथ यादव वाद की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए आपत्ति में दर्शाए गए 52 में से 39 बिंदुओं पर अपनी दलीलें पेश कर चुके हैं। उनकी दलील अभी जारी हैं और सोमवार को होने वाली सुनवाई में भी अपनी दलीलें आगे बढ़ाएंगे। इस मामले में जारी सुनवाई के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी, काशी विश्वनाथ मंदिर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी समेत लगभग 10 लोगों ने ऑर्डर 1 रूल 10 के तहत पक्षकार बनाये जाने का अनुरोध किया है।
जिला जज सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहले प्राथमिकता के आधार पर पांच महिला वादकारियों की तरफ से दाखिल वाद की पोषणीयता पर सुनवाई करेंगे फिर अन्य प्रार्थनापत्रों का निस्तारण करेंगे। इसी अदालत में ज्ञानवापी सर्वे की वीडियोग्राफी अदालत की रोक के बावजूद लीक हो जाने पर सीबीआई जांच संबंधी वादिनी राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह विसेन के प्रार्थनापत्र पर भी सुनवाई होनी है। सिविल जज फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम की भी अदालत में जितेंद्र सिंह की पत्नी किरन सिंह की तरफ से दाखिल वाद पर भी सुनवाई होनी है। इसमे सर्वे के दौरान वजू स्थल के पास मिले शिवलिंग और देव विग्रहों के पूजा दर्शन राग भोग की अनुमति मांगी गई है।
