महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के राज्य नर्स एसोसिएशन ने सरकार को अनिश्चितकाल तक के लिए हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी, इसी के तहत महाराष्ट्र में सरकारी अस्पतालों के 15 हजार से अधिक नर्सों ने गुरुवार को काम-काज बंद कर हड़ताल शुरू कर दिया है। ये लोग नर्सों को एक निजी एजेंसी के माध्यम से भर्ती करने के प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध कर रहे हैं।
हड़ताल के परिणामस्वरूप, सरकारी जेजे अस्पताल में पहले से तय सर्जरी में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई। यह जानकारी अस्पताल के डीन ने दी। महाराष्ट्र स्टेट नर्सेज एसोसिएशन (एमएसएनए) की महासचिव सुमित्रा तोते ने कहा कि अगर उनकी मांग 28 मई तक पूरी नहीं होती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगी।
तोते ने कहा कि एमएसएनए ने अपने सदस्यों के लिए नर्सिंग और शिक्षा भत्ते के भुगतान की भी मांग की है । उन्होंने कहा कि केंद्र और कुछ राज्य नर्सिंग भत्ता के रूप में 7,200 रुपये देते हैं, इसका लाभ महाराष्ट्र की नर्सों को भी दिया जाना चाहिए।
सुमित्रा ने कहा, “नर्सों की भर्ती अगर आउटसोर्स की जाती है, तो उनके शोषण का खतरा होगा और उन्हें कम पारिश्रमिक मिलेगा। उन्हें आय के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह उनके काम को प्रभावित करेगा, जिसका मरीजों पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा कि मुंबई में लगभग 1,500 सहित सरकारी अस्पतालों की 15,000 से अधिक नर्सें हड़ताल पर हैं।
