रक्षाबंधन: कोरोना काल के समय से बंद की गई रक्षा बंधन के दौरान बहनों द्वारा जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने की व्यवस्था एक बार फिर से शुरू कर दी गई है। कानपुर जिला कारागार में इस साल रक्षाबंधन पर बहनें जेल में बंद अपने भाईयों को आज पूरे दिन रखी बांध सकेंगी। जेल प्रशासन ने इसके लिए व्यापक इंतजाम किया है। बहनों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए छाया, पेयजल, रोली, चंदन, राखी के अलावा कई अन्य इंतजाम जेल प्रशासन की ओर से रहेगी।
जेल प्रशासन द्वारा सुबह 8 बजे ही मुलाकातियों के लिए काउंटर खोल दिया जाएगा। जहां पर बहनें अपने भाई को राखी बांधने के लिए आवेदन करेंगी। इसके लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात किया गया है। जहां से उन्हें मुलाकात स्थल भेजा जाएगा। वहां कोविड प्रोटोकॉल के तहत मौजूद अधिकारी बंदी को बुलाकर बहनों से राखी बंधन का कार्य कराया जाएगा।
यह पहल जेल में भाइयों की मायूसी को देखते हुए की गई है। इसमें कई समाज सेवी संस्था खारजा वृद्घा आश्रम, ऑल इंडिया वुमेंस डवलपमेंट एंड ट्रेनिंग सेंटर समेत अन्य संस्था का भी सहयोग करेंगी। इससे पहले महज चार घंटे का ही समय मिलता था, जिससे कई बहनें मायूस होकर घर लौट जाती थीं।
जिला कारागार में इस साल रक्षाबंधन पर कोई भी बहन मासूय होकर नहीं जाएंगी। खाली हाथ भाइयों से मिलने आने वाली बहनों को भाईयों की कलाई पर बांधने के लिए राखी के अलावा मिठाई, अक्षत, रोली की व्यवस्था जेल प्रशासन की ओर से किया गया है। यह सब बहनों को जेल के अंदर मुहैया कराया जाएगा। साथ ही उस दिन केवल महिलाएं ही जेल में भाइयों से मिलने जा सकेंगी, पुरुषों की मिलाई प्रतिबंधित रहेगी। वही पुरुष अंदर जा सकेंगे, जिनकी बहनें जेल में बंद है। ऐसा पहली बार होगा जब जेल प्रशासन बहनों को इतनी सहूलियत देगा।
