मनी लॉन्ड्रिंग मामला: महाराष्ट्र के मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे जिसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने चांदीवाल आयोग का गठन किया है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे आज यानी मंगलवार को चांदीवाल आयोग के सामने पेश हुए। पेशी के दौरान दोनों से कड़ी पूछताछ भी की गई। वहीं पेशी के बाद अनिल देशमुख से जिरह भी की जाएगी। जिसके तहत सचिन वाजे के वकील गिरीश कुलकर्णी उनसे सवाल-जवाब करेंगे।
मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और एंटीलिया बम मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी को रद्द करने की मांग की। यह याचिका न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ के समक्ष आई, जिसने वाजे के वकील से कहा कि वे निर्णयों की प्रतियां उसके समक्ष रखें और मामले को 24 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
केंद्र ने याचिका को बनाए रखने पर इस आधार पर प्रारंभिक आपत्तियां उठाईं कि इसे बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष दायर किया जाना चाहिए था क्योंकि मामले से संबंधित सब कुछ मुंबई में हुआ था। वाजे के अधिवक्ता पुनीत बाली ने बताया कि यह दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायिक अधिकार क्षेत्र है क्योंकि मंजूरी आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पारित किया गया था, जो राष्ट्रीय राजधानी में स्थित है।
