श्रीलंका: श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट और सरकार विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए दो सप्ताह पहले आपातकाल लागू किया गया था। शनिवार को श्रीलंका सरकार ने देश में लागू आपातकाल हटा लिया। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक महीने के अंदर दूसरी बार छह मई की मध्यरात्रि आपातकाल लागू किया था।
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने बताया कि चावल, दवाएं और दूध पाउडर जैसी तात्कालिक मदद सामग्री लेकर एक भारतीय पोत रविवार को कोलंबो पहुंचेगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राहत सामग्री से लदा पोत बुधवार को चेन्नई से रवाना किया था। पहली खेप में नौ हजार मीट्रिक टन चावल, दो सौ मीट्रिक टन दूध का पाउडर और 24 मीट्रिक टन दवाएं शामिल हैं जिनका कुल मूल्य 45 करोड़ रुपये है।
संकट में घिरे श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने आर्थिक संकट को लेकर देश भर में बढ़ रहे सरकार विरोधी विरोधों के बीच एक महीने में दूसरी बार 6 मई की मध्यरात्रि से आपातकाल की घोषणा की थी। राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा कि शुक्रवार आधी रात से आपातकाल की स्थिति हटा ली गई है। देश में सुधर रही कानून व्यवस्था को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।
राष्ट्रपति ने 6 मई को विशेष गजट अधिसूचना के साथ आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी। आपातकाल की स्थिति लागू होने के 14 दिनों के भीतर आपातकालीन विनियम सदन में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। हालांकि, सरकार ने संसद में आपातकालीन विनियम पेश नहीं करने का फैसला किया, जिसके बाद 20 मई की मध्यरात्रि से आपातकाल रद्द हो गया। इससे पहले गुरुवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को संसद को बताया कि सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने का कोई आदेश रक्षा मंत्रालय को नहीं दिया गया था।
