मंकीपॉक्स: कोविड महामारी का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं कि मंकीपाक्स रोग ने विश्व जगत को चिंता में डाल दिया है। इन दिनो कोरोना के बाद मंकीपाक्स की लहर विदेशों में चरम पर है। दुनियाभर के 75 देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं।
मंकीपॉक्स के अमेरिका के न्यूयॉर्क में सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। बढ़ती दहशत को देखते हुए न्यूयॉर्क के स्वास्थ्य आयुक्त ने विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO से इस वायरस का नाम बदलने की मांग की है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार मंकीपॉक्स अब तक 75 देशों में दस्तक दे चुका है। दुनियाभर में मरीजों की संख्या 16 हजार से ज्यादा हो गई है। डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में मंकीपॉक्स को लेकर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल का एलान किया है।
दरअसल, न्यूयॉर्क में मंकीपॉक्स के मरीजों की संख्या 1,092 हो गई है। इसे देखते हुए इस बीमारी से पीड़ित लोग बदनाम न हों और उनके इलाज व देखभाल में परेशानी न आए इसलिए बीमारी का नाम बदलने का आग्रह किया गया है। न्यूयॉर्क के पब्लिक हेल्थ कमिश्नर अश्विन वासन ने डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस को पत्र लिखकर कहा है कि हमें मंकीपॉक्स संक्रमित की बदनामी व इलाज की चिंता है। संक्रमण के खौफ से मंकीपॉक्स रोगी इलाज से वंचित हो सकते हैं।
वासन ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि मंकीपॉक्स का नाम बदलने का सुझाव पिछले माह डब्ल्यूएचओ ने ही दिया था। नाम बदलने की अपनी मांग के समर्थन में वासन ने उस नस्लवादी इतिहास का भी जिक्र किया, जिसके कारण ‘मंकीपॉक्स’ शब्द का इस्तेमाल खास समुदाय की ओर इशारा करने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स दुनिया से खत्म हो चुके चेचक वायरस से भी मिलता जुलता नाम है, इसलिए भी बदला जाना चाहिए।
