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कश्मीर में मानवाधिकारों पर ब्रिटेन के प्रस्ताव को लेकर भारत ने जताई नाराजगी

ब्रिटेन में सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमन्स में चर्चा के लिए कश्मीर में मानवाधिकारों पर एक प्रस्ताव रखा है जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि देश के अभिन्न हिस्से से संबंधित विषय पर किसी भी मंच पर किए गए दावे को पुष्ट तथ्यों के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है। ब्रिटेन में कश्मीर पर ‘ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप’ के सांसदों ने यह प्रस्ताव रखा है।

हालांकि भारत सरकार ने इस चर्चा में भाग ले रहे सांसदों खासतौर से पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर निराशा जतायी है। लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधे जाने की निंदा की और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने 2002 गुजरात दंगों पर शाह की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय उच्चायोग इस पर दुख जताता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचित नेता के खिलाफ आरोप लगाने के लिए आज एक साथी लोकतांत्रिक देश की संस्था का दुरुपयोग किया गया।

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