Uttar Pradesh

यूपी: काशी विश्वनाथ को बांधी गई राखी, सावन की पूर्णिमा पर काशीपुराधिपति सपरिवार झूले पर विराजमान होंगे

रक्षाबंधनः सनातन धर्म में भाई-बहन के प्रेम और विश्वास के पर्व रक्षाबंधन को बहुत ही हर्षो- उलास के साथ मनाया जाता हैं, वाराणसी में रक्षाबंधन के त्योहार का उल्लास घर-घर मे छाया हुआ मिला। सनातन धर्म में भाई-बहन के प्रेम और विश्वास के पर्व रक्षाबंधन पर सबसे पहले सुबह छह बजे काशीपुराधिपति बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ को मंदिर के अर्चकों ने राखी बांधी। इसके बाद काशी में बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधनी शुरू की।

श्रावण पूर्णिमा के मौके पर बाबा का झूलनोत्सव शृंगार किया जाएगा। मंदिर परिसर को कामिनी की पत्तियों और फूलों से सजाया गया है। श्रद्धालुओं के लिए कराई गई बैरिकेडिंग में रेड कार्पेट बिछाया गया है। मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से अलग-अलग मार्ग तैयार किए गए हैं।

तीनों मार्ग में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा सभी प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था की गई है। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।

श्रावण पूर्णिमा पर बाबा दरबार में मंगला आरती के दौरान करीब दो सौ लोग जुटे थे। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण बाबा दरबार में मंगला आरती के दौरान आम दिनों के मुकाबले बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मंगला आरती के बाद बाबा की झांकी दर्शन द्वार आम भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया।

सावन की पूर्णिमा पर काशीपुराधिपति सपरिवार यानी काशीपुराधिपति, संग होंगे गौरा और गणेश झूले पर विराजमान होंगे।

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