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लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए आए रिकॉर्ड आवेदन

भारत की नई शिक्षा नीति के अनुसार देशभर के शिक्षण संस्थानों में अब छात्रों को इंट्रडिसीप्लिनरी एजुकेशन का फायदा प्राप्त होगा। इसी शिक्षा नीति के अंतर्गत लखनऊ विश्वविद्यालय, जो कि पूरे देश में प्रथम शिक्षण संस्थान है, जिसने पूर्ण रूप से NEP2020 के दिशा निर्देशों को अपने सभी पाठ्यक्रमों में लागू किया है, के अकादमिक सत्र 2021-22 में प्रवेश हेतु आवेदन पत्रों में भारी वृद्धि हुई है।

जहां एक तरफ विज्ञान संकाय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ने के लिए प्राप्त आवेदन पत्रों की संख्या में वर्ष 2020 के अकादमिक सत्र के मुकाबले 2021 में 27.4 फ़ीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी, वही कला संकाय में भी 2020 के मुकाबले 2021 में 26.4% की वृद्धि दर्ज किया गया। कला संकाय में 2020 के अकादमिक सत्र में कुल 4601 आवेदन पत्र प्राप्त किए गए थे, जबकि 2021 के अकादमिक सत्र में कुल 6253 आवेदन प्राप्त हुए हैं। कला संकाय में अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान पाठ्यक्रमों में सबसे अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।

अर्थशास्त्र विषय में 60 सीटों पर इस वर्ष 502 फॉर्म प्राप्त किए गए हैं, अर्थात प्रति सीट 8 से अधिक फॉर्म जमा किए गए हैं। इसी तरह राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान पाठ्यक्रमों में भी क्रमशः 6.03 और 5.96 आवेदन पत्र प्राप्त किए गए।

लगभग सभी विभागों ने अपने-अपने पाठ्यक्रम में अकादमिक सत्र 2020 के मुकाबले ज्यादा आवेदन प्राप्त किए, जिन में 64.3 प्रतिशत के वृद्धि के साथ पर्शियन विभाग सबसे आगे रहा, और 46 एवं 45.3 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ एंथ्रोपॉलजी एवं वेस्टर्न हिस्ट्री और मीडिएवल इंडियन हिस्ट्री विभाग हैं।

कला संकाय के वे पाठ्यक्रम जिनमें पिछले साल के मुकाबले कम आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं, वह है विमेन स्टडीज, बिजनेस इकोनॉमिक्स और पॉपुलेशन स्टडीज। वूमेन स्टडीज पाठ्यक्रम में पिछले वर्ष के मुकाबले 30 प्रतिशत कम आवेदन प्राप्त किए गए हैं। इसी प्रकार बिजनेस इकोनॉमिक्स और पापुलेशन स्टडीज में पिछले वर्ष की तुलना में 25% और 5.4% कम आवेदन प्राप्त हुए हैं।

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