रूस-यूक्रेन संकट : अंतरराष्ट्रीय न्यायालय, संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है। यह कोर्ट नरसंहार के अपराध के आरोपों, उसकी रोकथाम और सजा (यूक्रेन बनाम रूसी संघ) से संबंधित मामले में सोमवार 7 मार्च से सार्वजनिक सुनवाई करेगा। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) यूक्रेन-रूस संकट पर 7 और 8 मार्च को हाइब्रिड प्रारूप में जन सुनवाई करेगा। हालांकि इससे पहले शांति के प्रयासों के तहत रूस और यूक्रेन भी आज कुछ मुद्दों पर सहमति बनाने को लेकर दूसरे दौर की वार्ता करेंगे।
28 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक आपातकालीन सत्र में बोलते हुए रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंज्या ने कहा था कि रूस की यूक्रेन पर कब्जा करने की कोई योजना नहीं है। 28 फरवरी को ही बेलारूस के गोमेल क्षेत्र में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडलों के बीच वार्ता हुई थी और अब आज यानी 2 मार्च को एक और दौर की वार्ता होना तय है।
आईसीजे के प्रमुख न्यायाधीश ने एक बयान में कहा कि द हेग में पीस पैलेस में होने वाली यह सुनवाई मंगलवार 8 मार्च 2022 को भी जारी रहेगी। सीजेआई के बयान के अनुसार, यह सुनवाई यूक्रेन की ओर से पेश किए आरोपों, तथ्यों और अनुरोध आदि के आलोक में होगी।
24 फरवरी को रूसी सेना ने यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था, इससे तीन दिन पहले मास्को ने यूक्रेन के अलग-अलग क्षेत्रों- डोनेट्स्क और लुहान्स्क – को स्वतंत्र संस्थाओं के रूप में मान्यता दी थी। यूके, यूएस, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित कई देशों ने यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियानों की निंदा की है और मास्को पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन देशों ने रूस से लड़ने के लिए सैन्य सहायता में मदद करने का यूक्रेन से वादा भी किया है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, यूक्रेन में जारी जंग ने अब तक 500,000 से अधिक लोगों को देश की सीमाओं की ओर पलायन करने को मजबूर कर दिया है।