श्री लंका: भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को बड़ी मुसीबत से बचाने के लिए एक बार फिर मसीहा की भूमिका निभाई है। भयावह आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे श्रीलंका में करीब 17 लाख बच्चों को तत्काल मानवीय मदद की जरूरत है। यूनिसेफ ने इन बच्चों की मदद के लिए 2.5 करोड़ डॉलर की मांग की है। ये बच्चे बिना पोषण, शिक्षा के लगातार संकटों से घिरे हैं।
इंडियन लाइन ऑफ क्रेडिट (आईएलसी) के तहत ईंधन शिपमेंट की अंतिम खेप इस माह श्रीलंका पहुंच रही है। फिलहाल भारत की ओर से भविष्य में आपूर्ति के कोई संकेत नहीं हैं। श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा ने बताया कि वह 16 जून को आईएलसी के तहत अंतिम डीजल और 22 जून को अंतिम पेट्रोल शिपमेंट की उम्मीद कर रहे हैं। ईंधन आपूर्ति में आने वाली कठिनाइयों पर सरकार ने कहा कि वह ईंधन खरीद के लिए भारत से क्रेडिट लाइनों का विस्तार करने पर काम कर रही है।
श्रीलंका सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है। आर्थिक संकट के कारण भोजन, दवा, ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। श्रीलंकाई लोग ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों के बाहर घंटों लाइनों में इंतजार करने के लिए मजबूर हैं। श्रीलंका की ईंधन खरीद पूरी तरह से आईएलसी पर निर्भर है। 50 करोड़ डॉलर की क्रेडिट लाइन को बाद में एक और 20 करोड़ डॉलर के साथ पूरा किया गया था। भारत ने श्रीलंका के भोजन, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा के लिए अब तक करीब 3.5 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता की है।
