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श्रीलंका: श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने आर्थिक संकट से उबारने के लिए सभी दलों को राष्ट्रीय सरकार के लिए दिया न्योता, वेश्यावृत्ति में हुआ 30 फीसदी इजाफा

श्रीलंका: श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे बुरा दौर को झेल रहा है। उसके ऊपर 51 अरब डालर का कर्ज जिसको चुकाने में वो नाकाम है। यही वजह है कि आर्थिक रूप से बदहाल हो गया है। श्रीलंका में आर्थिक संकट से हाहाकार मचा हुआ है। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि लोगों के खाने पर आफत आ गई है। इस बीच श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सांसदों को पत्र लिखकर उन्हें सर्वदलीय राष्ट्रीय सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।

ऐसा इसलिए ताकि दिवालिया हो चुके देश को उसके अबतक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से उबारा जा सके। विक्रमसिंघे ने एक पत्र में लिखा, सरकार देश के समक्ष आज मौजूद आर्थिक संकट के कारण पैदा हुई राजनीतिक एवं सामाजिक अशांति के बाद सामान्य स्थिति धीरे-धीरे बहाल करने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है।

इसी के तहत व्यवस्थित आर्थिक कार्यक्रम लागू करने के लिए जरूरी शुरुआती योजनाएं बनाई जा रही हैं और आर्थिक स्थिरता के मकसद से प्रारंभिक कदम भी उठाए जा रहे हैं। विक्रमसिंघे ने कहा, यह कार्यक्रम संसद में शामिल सभी राजनीतिक दलों, विशेषज्ञ समूहों और नागरिक समाज की भागीदारी से ही लागू किए जा सकते हैं।

श्रीलंका में आर्थिक संकट के चलते एक और संकट खड़ा हो गया है। यहां ज्यादातर लोगों की नौकरी खो जाने के कारण महिलाएं परिवार की आजीविका के लिए यौनकर्मी बनने को मजबूर हो गई हैं। इस कारण देश में कई जगह अस्थायी वेश्यालय खुल गए हैं। यौन अधिकारों के लिए काम करने वाले सैटैंड-अप मूवमेंड लंका के मुताबिक, देश में पिछले कुछ माह में वेश्यावृत्ति में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है।

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