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रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख ने अफ़गानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान को लेकर दिया ये बड़ा बयान

अफ़गानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान को लेकर अब रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने टिप्पणी करते हुए कहा की तालिबान के साथ किसी भी तरह के रिश्ते तभी साधने चाहिए, जब तालिबान देश को निशाना बनाने वाले जिहादियों पर एक समझौता करे कि वो भारत को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।

इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा की भारत को तालिबान को समझने में जल्दबाजी या गलती नहीं करनी चाहिए। इस बीच उन्होंने 2000 और 2003 के बीच भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी का नेतृत्व किया है। उन्होंने कहा की 9/11 के हमलों और अफगानिस्तान पर अमेरिकी आक्रमण से उत्पन्न स्थितियों से निपटने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही है।

आगे विक्रम ने कहा की पहले भारत को यह तय करना होगा कि क्या तालिबान की सरकार एक वैध सरकार है या नहीं, क्या आतंकवाद से वैध सरकारें बन सकती हैं? उन्होंने कहा की भारत को यह सुनिश्चित करना होगा की क्या हम आतंकवाद को वैधता देने के लिए हैं? हम आपको वैधता क्यों दें? ऐसा क्या है जो अफगानिस्तान हमें दे देगा? हम अफगानिस्तान से डील क्यों करें।

 

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