राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का एक परिवार एक तरफ अपने जवान डॉक्टर बेटे को खोने के गम में बदहवास है तो वहीं दूसरी तरफ परिवार को अभी तक 1.6 करोड़ रुपये के मुआवजे का इंतजार है क्योंकि उनसे किया गया वादा अभी तक पूरा नहीं किया गया है.
कोरोना वायरस महामारी में जब हर व्यक्ति खुद को बचाने के लिए जंग लड़ रहा था तो डॉक्टर्स अपनी जान की परवाह किए बगैर मरीजों की जान बचाने में जुटे हुए थे. इस दौरान बहुत से डॉक्टरों ने अपनी जान भी गंवाई थी. उन्हीं में से एक दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में रहने वाले 40 वर्षीय डॉ. अमित गुप्ता थे, जो हरीशचंद्र अस्पताल में कार्यरत थे. इसी साल 14 अगस्त को कोरोना की वजह उनकी मौत हो गई थी.
