शारदीय नवरात्र के पहले दिन विधि विधान के साथ मंदिर व घरों में माता की पूजा व आराधना की गई। घरों में माता की चौकी लगाकर कलश स्थापना व घट पूजन किया गया। मंदिरों में माता का श्रृंगार व महाआरती के साथ पूजा कर भक्तों के दर्शन के लिए पट खोल दिए गए। नवरात्र में माता का पूजन विधि-विधान से कर पूरी तरह से आस्था के साथ करने से भक्तों पर कृपा होती है।
बता दें कि नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के घर में पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। इनका वाहन वृषभ है इस लिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से जानी जाती है इनकी उपासना से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
