कल से पितृ पक्ष शुरू हो जाएगा। इसी के साथ पितृ पक्ष में माता-पिता के प्रति तर्पण करके श्रद्धा व्यक्त की जाती है। बिना पितृ ऋण से मुक्त हुए जीवन निरर्थक माना जाता है। आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किए जाते हैं।
20 सितंबर को पूर्णिमा की श्राद्ध होगी और 21 को प्रतिपदा, 22 को द्वितीया, 23 को तृतीया, 24 को चतुर्थी, 25 को पंचमी, 26 को षष्ठी, 27 को सप्तमी, 28 को कोई श्राद्ध नहीं होगा। 29 को अष्टमी, 30 को मातृ नवमी, एक अक्तूबर को दशमी, दो को एकादशी, तीन को द्वादशी, चार को त्रयोदशी, पांच को चतुर्दशी और छह अक्तूबर को अमावस्या श्राद्ध के साथ पितृ विसर्जन होगा।
