उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के समाधा गांव में ट्यूबवेल के 20 फीट गहरे गड्ढे में फंसे युवक को बचाने में छोटे भाई व ट्यूबवेल मालिक की जान चली गई। घायल युवक को पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से बाहर निकालकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
लखनऊ के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के बिनदौवा गांव निवासी रामसेवक (50) ने नौ साल पहले असोहा थाना क्षेत्र के समाधा गांव में चार बीघा जमीन खरीदी थी।
इसी जमीन के कुछ हिस्से में मकान बनाकर वह पत्नी रामावती के साथ रहते थे। खेतों की सिंचाई के लिए ट्यूबवेल लगवाया था। 20 फिट गहरे ट्यूबवेल को साफ कराने के लिए रामसेवक ने समाधा गांव के प्रहलाद (18) पुत्र अमृतलाल को बुलाया और गड्ढे में उतारा। नीचे जाने पर प्रहलाद का दम घुटने लगा।
उसके शोर मचाने पर रामसेवक भी नीचे उतरे तो उसका भी दम घुटने लगा। दोनों का शोर सुन रामसेवक की पत्नी रामावती ने मदद के लिए आवाज लगाई। पास ही बकरी चरा रहा प्रहलाद का छोटा भाई 15 वर्षीय मुकेश भागकर आया और भाई को फंसा देख ट्यूबवेल के गड्ढे में कूद गया। इसी बीच ग्रामीण भी वहां पहुंच गए।
घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से तीनों को बाहर निकाला। भाई को बचाने के लिए गड्ढे में कूदे मुकेश व ट्यूबवेल मालिक रामसेवक की मौत हो गई। प्रहलाद को गंभीर हालत में सीएचसी असोहा ले जाया गया। वहां से जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
मुकेश व रामसेवक की मौत से दोनों परिवारों में कोहराम मच गया। पिता रामसेवक की मौत की सूचना पर उसके दोनों बेटे अमर व संजीव लखनऊ से घटनास्थल पर पहुंचे और मां से लिपटकर बिलख पड़े। मां भी रोककर बेहाल हो गई। दोनों बेटे लखनऊ के मोहनलालगंज के बिनदौवा में ही पिता के घर पर रहते हैं।
एसडीएम राजेश चौरसिया, सीओ विक्रमाजीत सिंह ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। एसडीएम ने जहरीली गैस की चपेट में आकर मौत की संभावना जता परिजनों को शासन से आर्थिक मदद दिलाने का भरोसा दिया है।
