केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ विवादित बयान दिया है। जिसमें उन्होंने आंदोलनकारी किसानों को मवाली कहा है। कृषि कानूनों के विरोध की आड़ में जो हो रहा है वो आपराधिक गतिविधियां हैं। 26 जनवरी को जो कुछ हुआ वो भी शर्मनाक था। ये सब विपक्षी दलों का किया धरा है किसानों की आड़ में ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पहले भी मीनाक्षी लेखी ने ऐसा आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जब दुनिया कोरोना वायरस महामारी के संकट से पूरी तरह बाहर भी नहीं निकल पाई है, तब किसानों के नाम पर हो रहे प्रदर्शन की आड़ में लाल किले की घटना इस बात को साफ करते हैं।

भाजपा सांसद ने परोक्ष रूप से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए कहा था कि हम देश के एक कोने में बैठे कुछ मुट्ठी भर लोगों की बात कर रहे हैं जो आढ़तिये हैं। वे अमीर लोग हैं जो पैर मसाज और पिज्जा पार्टी कर रहे हैं। इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून पर भी उनका बयान सामने आया था. वहीं इन सबके बीच दूसरी तरफ मॉनसून सत्र में विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा मचा रखा है। वहीं इस बीच विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को किसान विरोध करार दिया है।

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