सियासत: बीएसपी में बड़े संगठनात्मक बदलाव हुए हैं। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने ही भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कॉर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी पद तक से हटा दिया है। बसपा में हुए इसी संगठनात्मक बदलाव को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और बहुजन समाज पार्टी पर बड़ा हमला बोला है अखिलेश यादव ने दावा किया है कि बीएसपी की तीन चरणों में वोटिंग के बाद भी एक सीट आने की संभावना नहीं है और इसीलिए बसपा के परंपरागत वोटर्स को भी सपा और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को ही वोट करना चाहिए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी कदम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है। दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं।
इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है। इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेरबदल कर रहा है लेकिन अब बाजी बसपा के हाथ से निकल चुकी है। सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है।
अखिलेश यादव ने कहा कि आग्रह है कि संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा को दें या जहां इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी हो वहां डालकर संविधान और आरक्षण विरोधी भाजपा को हराएं। हम सभी वोटरों से अपील करते हैं कि आप अपना वोट खराब न करें और जो बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे हैं, इंडिया गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग, आरक्षण भी बचाएं।
