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यूपी: सीएम योगी ने कहा-कांग्रेस नेतृत्व पूरी तरह फेल, कहीं प्रत्याशी भाग रहे तो कहीं प्रदेश अध्यक्ष दे रहे इस्तीफा

यूपी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और इंडी गठबंधन से जुड़े जो दल हैं, इनके इतिहास के बारे में हर व्यक्ति जानता है। उन्होंने कहा कि संविधान का गला घोंटकर, पिछड़े और अनुसूचित जातियों के आरक्षण में सेंधमारी कर धर्म के आधार पर एक वर्ग विशेष को आरक्षण देने की कांग्रेस, सपा और इंडी गठबंधन की मंशा देश की जनता सफल नहीं होने देगी।

भाजपा धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार के आरक्षण की विरोधी है क्योंकि धर्म-मजहब के आधार पर भारत के विभाजन का दंश आम जनता झेल चुकी है। भाजपा एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण के लाभ की पक्षधर है। कांग्रेस का इतिहास बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के द्वारा बनाए गए संविधान का गला घोंटने का रहा है।सीएम योगी ने कहा कि जनता कांग्रेस, सपा और इंडी गठबंधन के नेताओं की वास्तविकता जानती है और उनके मंसूबों को पूरा नहीं होने देगी।

तत्कालीन कांग्रेस सरकार की मंशा 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण में से 6 प्रतिशत तुष्टीकरण के नाम पर काट कर देने की थी। इसी प्रकार सच्चर कमेटी के माध्यम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में सेंधमारी कर मुस्लिम समाज की कुछ जातियों को शामिल करने की कोशिश की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि तब भारतीय जनता पार्टी के भारी विरोध के कारण तत्कालीन कांग्रेस सरकार की मंशा पूरी नहीं हो पाई। अन्यथा उसी यूपीए सरकार में कांग्रेस धर्म के आधार पर पूरे देश मे आरक्षण देकर ओबीसी और एससी-एसटी के आरक्षण में सेंधमारी कर चुकी होती।

कांग्रेस का नेतृत्व पूरी तरह फेल हो चुका है। कांग्रेस के लोग ही कांग्रेस के नेतृत्व पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि कहीं कांग्रेस प्रत्याशी फील्ड छोड़कर भाग रहे हैं, कहीं प्रदेश अध्यक्ष इस्तीफा दे रहे हैं तो कहीं घोषित प्रत्याशी अपनी प्रत्याशिता वापस लेकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इमरजेंसी को देश की जनता आज भी नहीं भूली है। यह भी देश के संविधान का गला घोंटने जैसा ही था। इसके साथ ही कांग्रेस ने यूपीए सरकार के समय जो पाप किया, वह भी देश की जनता को याद है। तब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी यूपीए सरकार में कांग्रेस की सहयोगी थीं। 1950 में देश का संविधान लागू हुआ और कांग्रेस ने लगातार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने समेत यह प्रयास किए कि वह संविधान को अपने तरीके से इस्तेमाल करे। जनता का शासन जनता के लिए है, जनभावनाओं का सम्मान हो, कांग्रेस ने यह कभी समझने का प्रयास ही नहीं किया।

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