यूपी चुनाव: यूपी चुनाव 2022 को देखते हुए चुनावी समर्मियां काफी तेज हो गयी है, यूपी में सियासी उठापटक का दौर जारी है। प्रदेश मे मौसम भले ही ठंड का है, लेकिन चुनावी तापमान बढ़ा हुआ है। इसी क्रम में निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद का कहना है कि सपा सरकार में अखिलेश यादव ने निषाद समाज पर न केवल गोलियां चलवाई, बल्कि समाज के लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराकर उन्हें जेल भी भेजा था।
जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निषाद समाज को गले लगाकर न केवल समाज को मुख्यधारा में लाने का मार्ग प्रशस्त किया है, बल्कि समाज के आरक्षण की मांग को भी आगे बढ़ाया है। उन्होंने दावा किया कि निषाद पार्टी, अपना दल और भाजपा का गठबंधन 300 से अधिक सीटें जीतकर इतिहास कायम करेगा। चौथे, पांचवें, छठे और सातवें चरण के चुनाव में निषाद समाज के मतदाता कई सीटों पर निर्णायक भूमिका में होंगे।
अखिलेश और मुलायम सिंह पांच बार मुख्यमंत्री रहे हैं। अखिलेश पिछड़ों को मुख्यधारा में लाने के लिए सपा सरकार में हुए पांच काम बता दें। अब तो गांव का यादव भी कहता है कि साइकिल की सवारी का मतलब नहीं है। सपा ने पिछड़ी जातियों को ठगा, सरकारी नौकरियों और योजनाओं में भेदभाव किया।
ओमप्रकाश राजभर सुबह अखिलेश के यहां चाय पीते हैं, दोपहर में जलेबी खाने किसी और के पास बैठते हैं और रात को भाजपा के चक्कर काट रहे हैं। वे 2003 से पार्टी चला रहे थे, लेकिन उनकी जमानत जब्त होती थी। भाजपा के समर्थन से ही 2017 में पहली बार विधायक बने। महाराजा सुहेलदेव के हत्यारे की मजार पर ओमप्रकाश राजभर गए हैं। राजभर समाज भाजपा के साथ है। ओमप्रकाश अपनी सीट भी नहीं बचा पाएंगे।
