अयोध्या गैंगरेप मामला: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई पीड़ित किशोरी को आगे के इलाज के लिए जिला महिला अस्पताल में वापस शिफ्ट किया गया है। अब उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पीड़िता के अस्पताल में भर्ती होने के बाद यहां पर पुलिस की ओर से सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
गर्भपात के दौरान किशोरी की जान को भी खतरा बताया गया। जोखिमपूर्ण इलाज के लिए महिला अस्पताल में बेहतर इंतजाम नहीं थे। इस वजह से किशोरी को पांच अगस्त को केजीएमयू लखनऊ रेफर कर दिया गया था। वहां उसका गर्भपात करने और डीएनए सैंपल लेने के बाद हालत में कुछ सुधार हुआ तो वापस जिला महिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। किशोरी की हालत अब खतरे से बाहर है। उसे प्राइवेट वार्ड में कड़ी सुरक्षा के बीच शिफ्ट कर दिया गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार इलाज व देखभाल कर रही है।
इधर किशोरी के साथ गैंगरेप के मामले में डीएनए टेस्ट कराने की कागजी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद दोनों आरोपियों के खून का नमूना डीएनए जांच के लिए लिया गया। ब्लड सैंपल को जांच के लिए एफएसएल लैब भेज दिया गया है।
बता दें कि पूराकलंदर थाना क्षेत्र के भदरसा में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार होने के बाद 14 साल छह माह की किशोरी गर्भवती हो गई थी। उसके गर्भ में 12 सप्ताह का भ्रूण पल रहा था। 29 जुलाई को सपा नेता मोईद खान और उसके नौकर राजू खान के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। इसके बाद पीड़िता को 31 जुलाई को जिला महिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। नौ माह तक शिशु को गर्भ में रखकर प्रसव कराने में अक्षम होने पर किशोरी व उसके परिजनों ने गर्भपात करने की सहमति दी तो बाल कल्याण समिति ने भी संस्तुति प्रदान की। फिलहाल किशोरी की हालत अब खतरे से बाहर है।
