जलवायु परिवर्तन के असर से मई की तरह जून माह में भी औसत तापमान में तो गिरावट आई है पर उमस भरी गर्मी ने बेचैन कर रखा है। जून माह में आमतौर पर अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस रहता है। जबकि, इस बार अभी तक सिर्फ दो दिन अधिकतम पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा है। हालांकि, मौसम विज्ञानी बारिश के लिहाज से इसे अच्छा मान रहे हैं। ऐसी उमस भरी गर्मी अच्छी बारिश का संकेत दे रही है।

उत्तर प्रदेश के महोबा में गुरुवार शाम को तेजी से मौसम बदला। तेज आंधी तूफान के बीच बारिश से पहरा गांव में लाखों का नुकसान हो गया। तेज रफ्तार के साथ आंधी आने से बड़े-बड़े पेड़ गिरने से मकान क्षतिग्रस्त हो गए। आंधी इतनी तेज थी कि आरसीसी रोड पर लगे बिजली के खंभे भी टूट गए हैं। 

मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार इस बार लगातार दो चक्रवाती तूफान आने से मौसम में काफी परिवर्तन देखने को मिला है। इसके पीछे जलवायु परिवर्तन का भी असर है। इसके चलते तापमान में एकदम से बढ़ोतरी या गिरावट होती रहती है।

जल्दी मानसून आने से भारी बारिश संभव
मानसून के इस बार समय से पहले आने से जुलाई से सितंबर के बीच भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। डॉ. पांडेय के अनुसार वर्ष-2020 में पिछले 40 वर्षों के मानसून आगमन की तारीखों को देखते हुए कुछ परिवर्तन किया गया था।

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