भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता, प्रत्येक भारतवासी के परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा का परिणाम है। हाल ही में भारत ने एक दिन में एक करोड़ से अधिक कोरोना के टीके लगाकर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की थी। देश के प्रधानमंत्री मोदी का इस पर कहना है कि ‘जितने टीके भारत आज एक दिन में लगा रहा है, वो कई देशों की पूरी आबादी से भी ज्यादा है।’ स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक देश में 68.75 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं। हालांकि इस टीकाकरण के बाद भी कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, जिसमें केरल शीर्ष पर है। यहां काफी तेजी से कोरोना फैल रहा है, जो चिंता का विषय बना हुआ है।
केरल में ही कोरोना के केस क्यों बढ़ रहे हैं?
‘संक्रमण अक्सर उसी इलाके में बढ़ता है, जहां जनसंख्या अधिक होती है और वहां के लोग कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन नहीं करते हैं। इसके अलावा अगर वहां भीड़ ज्यादा है तो वैक्सीनेशन भी बढ़ाना होगा। इस सब पर ध्यान देना होगा। लोगों को भी कोरोना से बचने के लिए काफी सतर्क रहना होगा।’
निपाह वायरस के क्या लक्षण हैं?
‘इसमें भी वायरल इंफेक्शन (संक्रमण) की तरह ही बुखार आदि होता है। निपाह वायरस भी फेफड़ों को संक्रमित करता है, लेकिन ज्यादातर इसमें ब्रेन (मस्तिष्क) इफेक्ट होता है। बुखार के साथ उल्टी, चक्कर, सिर दर्द आदि हो सकता है। वायरस का असर ज्यादा होने पर चक्कर आना या और भी समस्या बढ़ सकती है।’
वैक्सीन को लेकर हार्ट के मरीजों को क्या सलाह है?
‘हार्ट के मरीज हों या दवा चल रही हो, सर्जरी हुई हो, वैक्सीन लगवा सकते हैं। ऐसे में संक्रमण होने की संभावना ज्यादा रहती है। इसलिए उन्हें जितनी जल्दी हो सके, वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए। इस बीच अपनी दवाएं बिल्कुल भी बंद न करें और न ही गैप करें। वैक्सीन सिर्फ आपको कोरोना के संक्रमण की गंभीरता को कम करने में मदद करती है। उसका हार्ट की बीमारी से कोई मतलब नहीं है।’
