वाराणसी: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बीच मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने एक अर्जी दाखिल कर समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत सात नामजद और दो हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर विवेचना करने का अनुरोध किया गया है l आवेदन में कहा गया है कि वजूखाने में शिवलिंग देखकर करोड़ों हिन्दुओं को पीड़ा हुई है l साथ ही नेताओं की बयानबाजी से हिन्दुओं की भावनाएं भी आहात हुई है l
अब अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन के खिलाफ दाखिल आवेदन को प्रकीर्ण वाद में दर्ज करते हुए पोषणीयता पर सुनवाई के लिए गुरुवार की तिथि नियत कर दी।
अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से अधिवक्ता ब्रजेश मिश्र ने दलीलें रखीं। कोर्ट में आवेदन देकर कहा गया है कि जहां शिवलिंग मिला है, वहां जाकर हाथ पैर धोना, थूकना, गंदा पानी का वहां जाना देखकर काशी व देशवासियों का मन पीड़ा से भर गया, जिससे असहनीय कष्ट है। उन्होंने धार्मिक भावना भड़काने का भी आरोप लगाया है।
आवेदन में यह भी कहा गया सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान शिवलिंग को लेकर दिया गया बयान हिंदुओं की भावनाओं को आहत करता है। सांसद ओवैसी व उनके भाई लगातार हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर के खिलाफ अपमानजनक बातें कर रहे हैं। अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बताया कि इससे पहले पुलिस आयुक्त को आवेदन दिया, कार्यवाही नहीं होने पर अदालत में मुकदमा दाखिल किया गया।
मामले में अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी समेत आठ नामजद और दो हजार अज्ञात के खिलाफ खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जाने का अनुरोध किया गया है। आरोप लगाया गया की पूरे मामले की साजिश में अंजुमन इंतजामिया कमेटी, शहर काजी, शहर के उलेमा आदि शामिल हैं। इनके आचरण से हिंदू समाज अत्यधिक मर्माहत है।
