विश्व वन्यजीव दिवस : दुनियाभर में लुप्त हो रही वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस यानी वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे मनाया जाता है l विश्व वन्यजीव दिवस के माध्यम से हर साल अलग-अलग थीम के माध्यम से लोगों में जागरुकता फैलाई जाती है l यह थीम लुप्त हो रहे जीवों और प्राकृतिक वनस्पतियों के संरक्षण से संबंधित होती हैl
20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 68वें सत्र में 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस घोषित किया था l हरियाली बढ़ने के क्रम में दिल्ली में अब उन पशु-पक्षियों का भी आना शुरू हो गया है, जो दशकों पहले गायब हो गए थे। आज दिल्ली की नम भूमि में पाया जाने वाला सीबोल्ड सांप, छिपकली की एक प्रजाति लेपर्ड गेको और बगुले की प्रजाति ब्लैक क्राउन नाइट हेरोन देखने को मिल जाएंगे।
70 से 100 साल पूर्व ये जानवर यमुना तट पर बहुतायत दिख जाते थे, लेकिन बिगड़ती आबोहवा के कारण इनका यहां रहना संभव नहीं रहा। पिछले चार-पांच वर्षों से इनकी घर वापसी हो रही है। वन्यजीव विशेषज्ञ इसे दिल्ली के लिए काफी सकारात्मक संकेत मान रहे हैं।
यमुना जैव विविधता पार्क के वैज्ञानिक डॉ. फैयाज खुदसर बताते हैं कि कभी दिल्ली की आबोहवा साफ होने के कारण वर्तमान के रिंग रोड पर यमुना बहती थी। इसके किनारे पशु-पक्षियों का पर्यावास होता था। कई वर्षों से पूर्व राजघाट के पास ब्लैक क्राउन नाइट हिरोन मिला करता था लेकिन, साल-दर-साल आबोहवा बिगड़ने के कारण यह प्रजाति लुप्त हो गई थी। यमुना जैव विविधता पार्क की ओर से इस पक्षी को पुनर्स्थापित करने के प्रयास किए गए। अब यह यमुना जैव विविधता पार्क में दिखाई देता है।
दिल्ली में 70 साल पहले कीचड़ के आसपास लोगों को सीबोल्ड सांप देखने को मिलता था। मटमैला सा दिखने वाला सांप चिकने पानी के रूप में भी जाना जाता है। इसमें कम जहर होता है। हालांकि लोग इसे देखकर बहुत डर जाया करते थे, लेकिन बढ़ती आबादी और बदलते परिवेश से सांप की यह प्रजाति लुप्त होने की कगार पर पहुंच गई। हालांकि, अब इनकी संख्या बढ़ाने के लिए दिल्ली के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं और इस सांप को यमुना जैव विविधता पार्क में देखा जा सकता है।
