भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी यूनाइटेड किंगडम के हाईकोर्ट में अपनी कानूनी लड़ाई हार गया है. कोर्ट ने उसकी प्रत्यर्पण रोकने की याचिका खारिज कर दी है. माना जा रहा है कि अब नीरव की भारत वापसी का रास्ता साफ हो सकता है. बीती 25 फरवरी को ब्रिटेन की एक कोर्ट ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद अप्रैल महीने में ब्रिटेन के गृह विभाग ने 13 हजार करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी में वांछित हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत को प्रत्यर्पित करने की अनुमति प्रदान कर दी थी. अब उसे हाईकोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है.न्यायाधीश ने मोदी की दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किए दस्तावेजों को पढ़ते हुए कहा कि, “धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले पर निचली अदालत ने जो आदेश दिया है, उसके खिलाफ याचिका दायर करने के लिए नीरव मोदी के पास ठोस साबुत नहीं है. इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है.”

गौरतलब है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक से 14 हजार करोड़ रुपए का फ्रॉड किया था। इस घोटाले को अंजाम देने के बाद नीरव एक जनवरी 2018 को लंदन भगा गया था. जिसके बाद भारत सरकार ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद लंदन की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.केंद्र सरकार देश को हजारों करोड़ रुपए का घोटाला कर विदेश भागने वाले नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या पर शिकंजा कसता जारहा है. बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने तीनों भगोड़ों की कुल 18, 172  करोड़ रुपए की ज्यादा संपत्ति को जप्त कर लिया है, जो बैंकों को हुए कुल नुकसान का 80.45 प्रतिशत है। इसी के साथ करीब 9371.17 करोड़ रुपये की संपत्ति बैंकों के नाम की गई है.

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