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बंगाल सरकार और केंद्र में तकरार बढ़ी

नई दिल्ली। आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय रिटायर हो गए हैं. अब वह अगले तीन सालों तक उनके मुख्य सलाहकार बने रहेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी के इस बयान के बाद केंद्र सरकार ने अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. दरअसल, केंद्र ने 28 मई की रात को बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगी थीं और शीर्ष नौकरशाह को सोमवार (आज) सुबह 10 बजे दिल्ली में कार्यभार संभालने को कहा था. उन्होंने दिल्ली नहीं आने का फैसला लिया.

केन्द्र ने बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान यास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को मुख्यमंत्री द्वारा महज 15 मिनट में निपटाने से उत्पन्न विवाद के कुछ घंटों के बाद दिया था.

1987 बैच के, पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय को साठ साल की उम्र पूरी होने के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त होना था. लेकिन पिछले दिनों केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद बंगाल के मुख्य सचिव के तौर पर तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया था.

केंद्र की तरफ से 28 मई को नोटिस मिलने के बाद आज दिन में ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे मुख्य सचिव को वापस बुलाने के केंद्र के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था और कहा था कि उनकी सरकार शीर्ष नौकरशाह को कार्यमुक्त नहीं कर रही है.

ममता ने बताया कि उनके इस पत्र पर केंद्र का जवाब आया है जिसके मुताबिक बंदोपाध्याय को मंगलवार को नॉर्थ ब्लॉक में कार्यभार संभालने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि केंद्र के पत्र में मुख्य सचिव को वापस बुलाए जाने की वजह का जिक्र नहीं किया गया है.

ममता ने कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना कार्यभार ग्रहण करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, गैर सरकारी संगठनों से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील करती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हिटलर, स्टालिन जैसा निरंकुश व्यवहार कर रहे हैं.

 

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