Uttar Pradesh

यूपी: लखनऊ से IPL पर सट्टा लगाने वाले 12 सट्टेबाज गिरफ्तार, सट्टेबाजी का खेल दुबई से हो रहा था ऑपरेट

लखनऊ: इंडियन प्रीमियर लीग’(आईपीएल) मैचों के दौरान कथित तौर पर ‘ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा’ लगाने के आरोप में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया। सट्टेबाजी का खेल दुबई से ऑपरेट हो रहा था। बता दें कि राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस ने रविवार को आईपीएल मैच पर ऑनलाइन सट्टा का खेल संचालित करने वाले 12 सट्टेबाजों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से 45 मोबाइल, पांच लैपटॉप सहित अन्य सामान बरामद किया है। आरोपियों के आधा दर्जन बैंक खातों में 10 लाख रुपये मिले हैं, जिसको पुलिस ने फ्रीज करा दिया है।

डीसीपी साउथ तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि रविवार को सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में स्थित एसबीआई एंक्लेव नाम के अपार्टमेंट के एक फ्लैट में आईपीएल मैच पर ऑनलाइन सट्टा खिलाने की जानकारी मिली। सूचना पर पुलिस की एक टीम ने वहां छापेमारी की तो वहां से पुलिस ने 12 लोगों को दबोचा। पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने अपना नाम झारखंड धनबाद निवासी रोहन गोप, आशीष कुमार सिंह, बिहार निवासी शुभम कुमार, जैकी कुमार, झारखंड धनबाद निवासी विजय वावरी, बिहार निवासी प्रभात कुमार, झारखंड धनबाद निवासी राहुल राय, बिट्टू कुमार शाह, छत्तीसगढ़ निवासी राहुल कुमार, झारखंड धनबाद निवासी दीपक शर्मा, एकलव्य कुमार निषाद और विजय कुमार बताया। डीसीपी ने सट्टेबाजों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा भी की है।

एडीसीपी साउथ शशांक सिंह ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपी छोटा-मोटा काम करते हैं। काम के साथ यह लोग ऑनलाइन बेटिंग का धंधा पर करते हैं। अब तक की जांच में आरोपियों के खिलाफ एनसीआरबी पोर्टल पर 25 शिकायतें दर्ज मिली हैं।

एडीसीपी ने बताया कि सट्टेबाजी का धंधा पकड़े गए जालसाज ऑनलाइन चला रहे थे। पूछताछ में उन लोगों ने बताया कि सट्टेबाजी का खेल दुबई से संचालित होता है। पकड़े गए आरोपी टेलीग्राम ऐप के माध्यम से लोगों से संपर्क करते हैं। इसके बाद सट्टेबाज लोगों को ट्रांजेक्शन के लिए क्यूआर कोड भेजते हैं। जाल में फंसे लोग उसकी क्यूआर कोड के माध्यम से जालसाजों को रुपये भेजते हैं और फिर सट्टेबाज उनके रुपये को आईपीएल में लगाते हैं। रुपये लगाने वाले को ऑनलाइन प्वाइंट मिलता है, जिसको वह कभी भी कैश कर सकता है।

पूछताछ में सामने आया है कि सट्टेबाजों के तार बंगलुरु, चंडीगढ़ और कोलकाता तक फैले हुए हैं। अभी तक की गई जांच में पकड़े गए आरोपियों के अलग-अलग बैंक खातों में ठगी के 10 लाख रुपये मिले हैं। एडीसीपी ने बताया कि सभी खातों को फिलहाल फ्रीज करा दिया गया है।

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