मुंबई: सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की याचिका पर जवाब दाखिल किया है और इलाज व सर्जरी के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के उनके आवेदन का विरोध किया है। ईडी ने कहा कि देशमुख मुंबई के सरकारी जेजे अस्पताल में इसी तरह का इलाज करा सकते हैं। ईडी ने यहां एक विशेष अदालत के समक्ष अपना हलफनामा पेश किया। ईडी ने कहा कि देशमुख का जिस जेजे अस्पताल ने इलाज किया गया, वहां के डॉक्टरों ने उनके कंधे की सर्जरी का सुझाव दिया, लेकिन आपात स्थिति में ऐसा करने की जरूरत नहीं है।
ईडी ने आगे दावा किया कि जेजे अस्पताल के डॉक्टर सर्जरी करने के लिए अच्छी तरह से योग्य हैं इसलिए देशमुख को किसी निजी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। हालांकि, देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने तर्क दिया कि अस्पताल और अपनी पसंद के डॉक्टर से इलाज कराना मंत्री का अधिकार है। विशेष अदालत मंगलवार को याचिका पर फैसला सुनाएगी।
ईडी द्वारा पिछले नवंबर में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद से देशमुख (72) फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। ईडी के हलफनामे में कहा गया है कि एजेंसी ने जेजे अस्पताल के डॉक्टरों से पूछताछ की थी जहां देशमुख को कंधे में दर्द के लिए भर्ती कराया गया था। एजेंसी के अनुसार, देशमुख का मामला एक आपातकालीन सर्जरी नहीं है क्योंकि उनके कंधे की समस्या का एक लंबा इतिहास रहा है और भविष्य में सर्जरी पर विचार किया जा सकता है।
ईडी ने कहा कि जेजे अस्पताल के विशेषज्ञ आर्थोस्कोपी सर्जन और सहायक प्रोफेसर डॉ अंकित मारफतिया ने आवेदक (देशमुख) के समान 30-35 कंधे से संबंधित सर्जरी की है और उन्होंने आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी में भी विशेषज्ञता हासिल की है। एजेंसी ने कहा कि देशमुख को निजी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है और वह जेजे अस्पताल में ही इलाज करा सकते हैं।
