FTA: नवंबर मध्य में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक में भारत और ब्रिटेन के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर इंडोनेशिया के बाली में मुहर लगेगी। इस बैठक के इतर ब्रिटेन के नवनिर्वाचित पीएम ऋषि सुनक और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी।
एफटीए पर अंतिम फैसला के लिए दोनों ही देशों में तैयारियां शुरू हो गई है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम सुनक से फोन पर बातचीत की थी। इस बातचीत में दोनों ने एफटीए के प्रति अपनी अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी। बाली में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन कई दूसरे कारणों से अभी से चर्चा में है।
इस बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। इसके कारण शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की हाल में उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद में हुई बैठक की तर्ज पर जिनपिंग-मोदी की मुलाकात की सम्भावना जताई जा रही है। गौरतलब है कि एससीओ की बैठक में पीएम मोदी ने जिनपिंग से दूरी बनाई थी। हाल ही में शी जिनपिंग को बतौर राष्ट्रपति तीसरा कार्यकाल मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देने से दूरी बरती है। भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) चीन के लचर रवैये से सरकार खुश नहीं है। पूर्वी लद्दाख में गलवां घाटी हिंसा के बाद भारत को जल्द से जल्द तनाव कम होने की उम्मीद थी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक बाली में होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में एफटीए पर मुहर लगनी तय है। इसके मद्देनजर दोनों देश लगातार इस समझौते की अड़चनों को दूर करने में जुटे हैं। अड़चनों को दूर करने के लिए दोनों ही पक्षों के बीच बातचीत लगातार जारी है।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यकाल तक दोनों देशों के बीच इस साल अक्टूबर आखिर तक एफटीए होने पर बिल्कुल रजामंदी थी और एफटीए से पहले होने वाली वार्ता लगभग पूरी हो चुकी थी। लेकिन जॉनसन के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद एफटीए में देर होने की आशंका गहराने लगी क्योंकि ब्रिटेन सेवा क्षेत्र को भारत की उम्मीद के अनुरूप खोलने के लिए तैयार नहीं दिख रहा था। ब्रिटेन के आर्थिक संकट में फंसने और राजनैतिक अस्थिरता से भी एफटीए अक्टूबर में नहीं हो सका। सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद फिर से एफटीए को लेकर आशा जगी है।