सन्दीप मिश्रा
रायबरेली। शिवगढ़ थाना क्षेत्र के निहाल खेड़ा मजरे सूरजपुर में गांव से करीब 200 मीटर की दूरी पर खेतों के पास, झाड़ियों के बीच स्थित कुएं में डूब रही युवती के लिए किसान देवदूत बन गए। युवती की रेखा-रेखा बचाओं की आवाज सुनकर दौड़े किसानों ने ग्रामीणों की मदद से युवती को कुएँ से बाहर निकाल कर पुलिस को सूचना दी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में युवती को अस्पताल पहुंचाया जहां युवती का इलाज चल रहा है। शिवगढ़ थाना क्षेत्र के निहाल खेड़ा मजरे सूरजपुर में ‘जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय’ कहावत उस समय चरितार्थ हो गई जब एक बीरान कुएं में डूब रही एक युवती अपनी जिंदगी बचाने का प्रयास कर रही थी,किन्तु उसे आशा की किरण नजर नही आ रही थी। जानकारी के मुताबिक सोमवार को प्रातःकाल निहालखेड़ा मजरे सूरजपुर गांव से करीब 200 मीटर की दूरी पर स्थित खेतों में किसान रामदास और जगतपाल पानी लगाने गए तो पास ही झाड़ियों के बीच स्थित कुएं से एक युवती की रेखा – रेखा बचाओ की आवाज आ रही थी। जब किसानों ने कुएं के पास जाकर देखा तो एक 18 वर्षीय युवती कुएं में डूब रही थी। किसानों की आवाज सुनकर दौड़े ग्रामीणों ने मिलकर युवती को कुएं से बाहर निकाला तो देखा युवती दोनो पैरों से दिव्यांग है। जहां से लाकर युवती को सड़क के किनारे स्थित एक घर के पास लिटा दिया गया। जिसकी भनक लगते ही कुछ ही देर में मौके पर ग्रामीणों का मजमा लग गया। किन्तु मौके युवती की पहचान नहीं हो सकी। युवती की हालत गम्भीर देखते हुए ग्रामीणों ने एंबुलेंस और पुलिस को सूचना दी। मौके पर एंबुलेंस नहीं पहुंची तो पुलिस ने खुद थाने की शक्ति मोबाइल से युवती को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ पहुंचाया। जहां कुछ देर चले इलाज के पश्चात युवती ने अपना नाम और पता बताया। युवती ने बताया कि निहाल खेड़ा गांव का रहने वाला एक युवक जो पहले से उसके घर आया जाया करता था, 13 जुलाई की शाम अपने साथ उस लाया था। युवती ने बताया 13 जुलाई से वह युवक के घर पर ही रही थी। उसने बताया कि मुझे यह नहीं पता कि कैसे मैं कुएं में पहुंच गई। युवती ने बताया कि अपने आपको कुएं में डूबता देखकर अपनी छोटी बहन रेखा को आवाज लगा रही थी।
थानाध्यक्ष रवींद्र सोनकर ने बताया कि अभी युवती पूरी तरह से स्वस्थ नहीं है। इलाज चल रहा है, पुलिस जांच में जुटी है। युवती कहां की रहने वाली है यह अभी नहीं बताया जा सकता। परिजनों से सम्पर्क करने का प्रयास किया जा रहा है किन्तु अभी तक परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है।