यूपी: लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आते-आते विपक्षी महागठबंधन I.N.D.I.A में फूट पड़ती दिख रही है। पहले बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने इससे किनारा किया और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए में शामिल हो गए। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने भी कड़े तेवर अपना रखे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी (सपा) और रालोद के बीच सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है।
इंडिया गठबंधन में शामिल सपा और रालोद के बीच एक सीट को लेकर बात बनती नहीं दिख रही है। पश्चिमी यूपी की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है। अब अखिलेश और जयंत के बीच इस सीट को लेकर बड़ा संकट आ गया है। अभी इस सीट पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि सीटों को लेकर चल रहे विवाद को छोड़ जयंत एनडीए में भी जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, सपा ने कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में प्रत्याशी अपना और निशान रालोद का रहने की शर्त रखी है। रालोद कैराना और बिजनौर पर तो राजी है, लेकिन मुजफ्फरनगर पर पेंच फंस गया। रालोद ने ऐसी स्थिति में अपने हिस्से की सीटें बढ़ाने की बात रखी हैं।
रालोद के मुजफ्फरनगर न छोड़ने के वाजिब कारण भी हैं। इस लोस सीट के अंतर्गत आने वाली पांच विधासनभा सीटों में से दो बुढ़ाना और खतौली पर रालोद का कब्जा है। खतौली सीट रालोद ने उपचुनाव में जीती थी। उधर, कांग्रेस और सपा के बीच भी बात बनती नहीं दिख रही। कांग्रेस 11 सीटों से संतुष्ट नहीं है। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हराने के मकसद से बनाए गए इंडिया गठबंधन के साथी दल धीरे-धीरे एक दूसरे को आंखे दिखाने लगे हैं।
