एटा: उत्तर प्रदेश के एटा की जिला जेल में निरुद्ध दो बंदियों जो की उमेश पर एक किशोरी के अपहरण का, पॉक्सो और एससी-एसटी के तहत रिपोर्ट दर्ज है। दूसरा मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायालय रेप व पॉक्सो प्रथम के पेशकार नवरतन सिंह ने लिपिक मनोज कुमार के खिलाफ दर्ज कराया है। इन दोनों को न्यायाधीश के फर्जी हस्ताक्षर से जमानत पर रिहा करा लिया गया। पॉक्सो एक्ट के इन आरोपियों को रिहा कराने के लिए न्यायालय के ही एक लिपिक ने फर्जी आदेश बनाए। फर्जी आदेश के बाद दो बंदी जेल से रिहा हो गए। मामला खुला तो पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि न्यायिक कर्मचारी की तहरीर के आधार पर एक कर्मचारी के विरुद्ध दो रिपोर्ट दर्ज की गई है। दोनों मामलों में जांच शुरू करा दी गई है।

जनपद न्यायाधीश मृदुलेश कुमार सिंह के आदेश और अपर जिला जज कैलाश कुमार की जांच रिपोर्ट आने के बाद पेशकार अज्ञान विजय की ओर से तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें आरोप है कि न्यायालय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो-प्रथम में तैनात लिपिक मनोज कुमार ने न्यायाधीश कुमार गौरव के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर जेल में निरुद्ध आरोपी उमेश कुमार निवासी लोधई (हाथरस) को सात नवंबर 2020 को रिहा कराया।
 

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