कानपुर: सिख विरोधी दंगों की जांच अब अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। एसआईटी ने 11 मुकदमों की जांच पूरी कर ली है। जिन केसों की जांच पूरी की गई उसमें के 54 आरोपियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। सभी का सत्यापन भी हो चुका है। शासन की मंजूरी मिलते ही आरोपियों की धरपकड़ शुरू होगी। चार से पांच महीने के भीतर एसआईटी अपनी कार्रवाई पूरी करने के चक्कर में है। एसआईटी ने 20 केसों की जांच शुरू की थी। हत्या या डकैती से संबंधित सभी केस थे।
एसएसपी एसआईटी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि 9 केसों को बंद कर दिया गया है। किसी में वादी, गवाह नहीं मिले तो किसी में ये दोनों खोज लिए गए लेकिन वह आगे कार्रवाई नहीं करना चाहते थे। लिहाजा इन केसों को बंद करना पड़ा है। अन्य केसों की विवेचना पूरी कर ली गई है।
ये केस शहर के अलग-अलग थानों गोविंद नगर, बर्रा, फजलगंज, नौबस्ता व अर्मापुर से संबंधित हैं। इसमें कुल 67 आरोपियों का सत्यापन किया गया था जिनमें से 13 की मौत हो चुकी है। इस हिसाब से 54 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए मंजूरी मांगी गई है।
एसएसपी ने बताया कि 54 आरोपियों में से आधा दर्जन आरोपी 80 वर्ष की उम्र से अधिक हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष अनुमति एसआईटी शासन से लेगी। दो तीन आरोपी कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। इन सभी पर कार्रवाई को लेकर अभी फैसला कुछ ही समय में होगा।
