वायुसेना: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि एक तरफ से पाकिस्तान और दूसरी तरफ से चीन, भारत की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि दोनों दुश्मन देश भारत के लिए खतरा बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी अस्थिर पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं की स्थिति को दो अलग मोर्चों की चुनौती के रूप में समझना चाहिए और उसके अनुसार तैयारी करनी चाहिए।
भारत पर किसी भी मोर्चे से हमला किया जा सकता है। सैन्य गतिरोध से लेकर भविष्य में सूचना हेरफेर और ब्लैकआउट तक और सुरक्षा सिद्धांतों, क्षमताओं को ऐसी संभावनाओं के मुताबिक तैयार करना होगा। मौजूदा वक्त में वायुसेना हर चुनौती से निपटने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि बीजिंग के साथ भारत के जुड़ाव पर वैश्विक घटनाओं और भू-राजनीतिक विकास के प्रभाव का सभी स्तरों पर व्यापक रूप से मूल्यांकन किया जा रहा है। कहा, एक राष्ट्र के रूप में हमें अपने तत्काल और भविष्य के खतरों की सटीक पहचान की आवश्यकता है ताकि उनका मुकाबला करने के लिए आवश्यक क्षमताएं विकसित की जा सकें।
चौधरी ने कहा, तीनों सेनाओं की क्षमताओं और संसाधनों को एकीकृत कर उनका सर्वोत्तम उपयोग के लिए तैयार की जाने वाली थियेटर कमांड के लिए चल रहे विचार-विमर्श में निश्चित प्रगति हुई है। प्रत्येक थिएटर कमांड में थल सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और ये सभी एक ऑपरेशनल कमांडर के तहत एक तय भौगोलिक क्षेत्र की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने वाली एक इकाई के रूप में काम करेंगी। मौजूदा समय में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के पास अलग-अलग कमांड हैं।
