बंगाल चुनावी हिंसा: मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने प. बंगाल चुनावी हिंसा के बाद बेघर हुए 300 लोगों के पुनर्वास को लेकर दो सदस्यीय समिति का गठन किया। इस समिति में एक सदस्य राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और दूसरे सदस्य मानवाधिकार आयोग से होंगे।
इस मामले में राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि 70 लोग वापस लौट आए हैं, 43 लोग वापस लौटने के इच्छुक नहीं हैं और 155 लोग बंगाल से बाहर के थे। इस मामले में याचिकाकर्ता भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि यह रिपोर्ट जाली है। मामले की सुनवाई कल होगी।
अदालत ने पहले हत्या, दुष्कर्म और महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी थी, जबकि चुनाव के बाद की हिंसा से संबंधित अन्य आपराधिक मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था।
इस बीच, कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें पश्चिम बंगाल में हाल ही में दुष्कर्म के पांच मामलों में सीबीआई जांच की मांग की गई है। हाई कोर्ट ने केस डायरी और स्टेटस रिपोर्ट मांगी है साथ ही पीड़ितों और गवाहों दोनों को पुलिस सुरक्षा भी प्रदान करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।
याचिकाकर्ता प्रियंका टेबरीवाल ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था खत्म हो गई है। जनता के लिए काम करने वाले पुलिस अधिकारी गुंडा बन गए हैं और राज्य सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।