बड़ा मामला—वाराणसी–!नकली कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाले गिरोह का खुलासा-!

UP STF का खुलासा : कम समय में करोड़पति बनने के लिए डिस्टिल वाटर से बना रहे थे कोरोना वैक्सीन और ग्लूकॉन डी से रेमेडिसीवर

वाराणसी। स्पेशल टास्क फ़ोर्स (STF) की वाराणसी इकाई द्वारा बुधवार नकली कोरोना वैक्सीन, एंटीजन टेस्टिंग किट और कई दवा और इंजेक्शन बनाने के कारखाने का भांडाफोड़ किया गया। इस नकली कारखाने से 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमे एक दिल्ली का व्यवसायी भी जो नकली इंजेक्शन खरीदने आया था। इन सभी से चली 10 घंटे की पूछताछ के बाद STF ने बड़ा खुलासा किया है। एसटीएफ इन पाँचों से पूछताछ के बाद 7 अन्य की तलाश में लग गयी है।

25 रुपये में बनता था कोरोना वैक्सीन का इंजेक्शन
पूछताछ में इन अभियुक्तों ने बताया कि वो डिस्टिल वॉटर को शीशी में डाल कर फर्जी रैपर लगा कर उसे कोरोना वैक्सीन बता कर प्राइवेट अस्पताल और लैब को बेचते थे। इसके लिए उन्हें प्रति शीशी 25 रुपए खर्च करना पड़ता था और उस नकली वैक्सीन की बिक्री 300 रुपए में होती थी। वहीं, नकली रेमडिसिवर इंजेक्शन की शीशी में ग्लूकॉन-डी पॉउडर डाल कर फर्जी रैपर लगा देते थे। 100 रुपए में तैयार हुआ नकली इंजेक्शन 3000 रुपए में बेचा जाता था।

दिल्ली से आती थी 40 रुपये में प्रेग्नेंसी किट
एसटीएफ के अनुसार कोविड टेस्ट किट के लिए पांचों युवक दिल्ली से 40 रुपए में प्रेग्नेंसी किट मंगाते थे। इसके बाद उसका ऑरिजिनल रैपर फाड़ कर उस पर कोरोना टेस्ट किट का फर्जी रैपर लगाकर उसे 500 रुपए में बेचते थे। पांचों युवकों ने कहा कि वह कम समय में करोड़पति बनना चाहते थे, इसी वजह से उन्होंने यह गोरखधंधा शुरू किया था।

दिल्ली के लक्ष्य जावा और बनारस के राकेश थावानी ने लगाया दिमाग
इस कार्रवाई में गिरफ्तार सिद्धिगिरी बाग स्थित धनुश्री कांपलेक्स निवासी राकेश थावानी ने बताया कि दशाश्वमेध में उसकी जूता-चप्पल की दुकान है और वह किराए के मकान में रहता है। नोटबंदी के दौरान नोटों को अवैध तरीके से बदलने के आरोप में वह जेल गया था। जमानत पर छूट कर आने के बाद वह फिर दुकान चलाने लगा। वर्ष 2020 में कोरोना की पहली वेव के दौरान मास्क वगैरह की कमी हुई तो उसने यही बेचना-खरीदना शुरू किया। इसी दौरान कबीरचौरा के राहुल जायसवाल ने उसे बताया कि कोविड टेस्टिंग किट की बहुत मांग है और इसमें काफी पैसा भी है। इसी बीच दिल्ली के लक्ष्य जावा ने उससे संपर्क किया और दिल्ली के ही गुरजीत से मुलाकात कराई। इसके बाद से तीनों ने मिलकर नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन और कोविड टेस्ट किट तैयार कर बेचने की योजना बनायी।

अस्सी घाट की विद्या प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा था नकली दवा और वैक्सीन का स्टीकर
राकेश ने बताया कि उसके दोस्त बौलिया लहरतारा के अरूणेश विश्वकर्मा ने रोहित नगर में लगभग 6 माह पहले किराए पर कमरा लिया। दिल्ली से पैकिंग मशीन और इंजेक्शन वगैरह तैयार करने के लिये शीशी मंगवाई गई। एमसीए पास पठानी टोला चौक निवासी संदीप शर्मा उर्फ मक्कू से नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन और कोविड टेस्ट किट के रैपर तैयार करा कर अस्सी घाट स्थित विद्या प्रिटिंग प्रेस में छपवाना शुरू किया गया। इसके बाद नकली रेमडिसिवर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन और कोरोना टेस्ट किट बनाने का काम शुरू किया।

IG STF ने बताया
इस सम्बन्ध में STF IG अमिताभ यश ने बताया कि नकली इंजेक्शन, वैक्सीन और कोविड किट को तैयार करने का काम राकेश थावानी, बलिया के शमशेर सिंह और संदीप शर्मा उर्फ मक्कू का था। दिल्ली ले जाकर उसे दक्षिण भारत के प्राइवेट अस्पतालों और लैब में बेचने का काम दिल्ली निवासी लक्ष्य जावा, विजय कुमार और यश कुमार का था। इस काम में लक्ष्य जावा का सहयोग दिल्ली के अरूण शर्मा, अरूण पाटनी, मानसी, रणवीरव, गुरजीत और गुरबाज करते थे।

7 अन्य आरोपियों की अभी भी है तलाश
IG STF ने बताया कि अभी हमें 7 नामजद आरोपियों की तलाश है। इन आरोपियों की पहुंच सरकारी सप्लायरों तक थी या नहीं इसकी जांच की जा रही है। इनके पास से 10,800 नकली रैपिड कोविड टेस्ट किट, 1600 नकली कोविड वैक्सीन, 1550 नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन, 04 अदद सिलिंग मशीन, 6000 भरी हुई शीशी, 2 कार्टून खाली शीशी, 6 मोबाइल और भारी मात्रा में रैपर और पैकेजिंग मटेरियल्स मिले हैं।
आलोक सरावगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *